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बकाया टैक्स अप्रैल तक नहीं हो माफ तो सीधे CPC से करें बात

सीबीडीटी के आदेश के अनुसार मांगा गया कर जमा करने में देर के कारण आयकर अधिनियम की धारा 220(2) के तहत जो ब्याज लगाया गया है, उसे भी माफी के बाद मांगा नहीं जाएगा।

Last Updated- March 11, 2024 | 7:24 AM IST
बकाया टैक्स अप्रैल तक नहीं हो माफ तो सीधे CPC से करें बात, Grievances for unextinguished tax demands can be submitted to CPC

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कम रकम का बकाया आयकर माफ करने की बात कही है। लेकिन तमाम कर निर्धारण (असेसमेंट) वर्षों में किसी भी करदाता का केवल 1 लाख रुपये का बकाया कर ही माफ किया जाएगा। इस योजना का फायदा उन करदाताओं को होगा, जिन पर पुराना आयकर बकाया है।

सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर (कराधान प्रमुख) एसआर पटनायक कहते हैं, ‘छोटी-मोटी कर मांग छोड़कर बड़े करदाताओं पर ध्यान देना और कर संग्रह बढ़ाने के मकसद से सीबीडीटी का यह फैसला बहुत अच्छा है। अच्छी बात यह भी है कि इससे 1 करोड़ से भी ज्यादा करदाताओं को फायदा होगा।’

क्यों आया फैसला

आयकर विभाग ने इस वित्त वर्ष की शुरुआत में बकाया कर की मांग के साथ नोटिस जारी किए थे। बकाया रकम बहुत छोटी थी मगर काफी करदाताओं को इसके नोटिस मिले थे, जिनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे। कई कर मांग तो इतने पुराने मामलों की थीं कि उन्हें निपटाने के लिए जरूरी दस्तावेज और सबूत भी खो चुके थे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में कहा था कि 25,000 रुपये या इससे कम रकम के वित्त वर्ष 2010 तक का और 10,000 रुपये या उससे कम राशि के वित्त वर्ष 2011 से 2015 तक का प्रत्यक्ष कर बकाया माफ कर दिया जाएगा।

कैसे होगी माफी

वित्त मंत्री की घोषणा के बाद अब सीबीडीटी ने माफी का आदेश जारी किया है। आदेश में बताया गया है कि विभिन्न कर निर्धारण वर्षों की मांग कैसे माफ की जाएंगी। अकॉर्ड ज्यूरिस एलएलपी के पार्टनर अलै रजवी कहते हैं, ‘इसके तहत करदाता को मिलने वाली अधिकतम छूट की सीमा तय कर दी गई है। बोर्ड ने कहा है कि 31 जनवरी 2024 तक बकाया मांगें माफ कर दी जाएंगी।’

इस तरह तमाम असेसमेंट वर्षों का कितना भी कर बकाया हो, हर करदाता का ज्यादा से ज्यादा 1 लाख रुपये कर ही माफ किया जाएगा। करदाताओं को असेसमेंट वर्ष 2010-11 के लिए 25,000 रुपये और 2011-12 से 2015-16 के लिए 10,000 रुपये तक की छूट दी गई है, जो कुल मिलाकर 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी।

ब्याज का क्या होगा?

अधिसूचना से पता चलता है कि 1 लाख रुपये तक का जो बकाया कर माफ किया जाएगा, उसमें ब्याज भी शामिल होगा। पटनायक समझाते हैं कि इसे खत्म करते समय ब्याज का हिसाब लगाने की जरूरत नहीं होगी।

सीबीडीटी के आदेश के अनुसार मांगा गया कर जमा करने में देर के कारण आयकर अधिनियम की धारा 220(2) के तहत जो ब्याज लगाया गया है, उसे भी माफी के बाद मांगा नहीं जाएगा।

केके ऐंड कंपनी चैंबर्स के वकील किशोर कुणाल बताते हैं कि यह आदेश आयकर अधिनियम के तहत मांगे गए मूलधन, ब्याज, जुर्माने, शुल्क, उपकर या अधिभार पर भी लागू होता है। मगर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने वालों और टीसीएस (स्रोत पर एकत्रित कर) इकट्ठा करने वालों के लिए मांग में किसी तरह की माफी नहीं होने जा रही।

रजवी का कहना है, ‘बकाया मांग खत्म करने के लिए किसी ऑडिट की जरूरत नहीं है। यह आदेश जारी होने के दो महीने के भीतर लागू होने की उम्मीद है। मगर जो कर बकाया माफ किया जाएगा वह रिफंड नहीं किया जाएगा या खातों में रकम नहीं आएगी।’

मगर रहे ध्यान

करदाताओं को सबसे पहले आयकर पोर्टल पर जाकर अपने नाम पर जारी आयकर मांग नोटिस देख लेना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कर वकील आदित्य रेड्डी की सलाह है कि करदाता खुद ही आयकर पोर्टल पर जाकर बकाया मांग की स्थिति जांच सकते हैं ताकि कर नियमों का पालन पक्के तौर पर हो।

मगर करदाताओं को नोटिस खत्म कराने के लिए अपनी ओर से कुछ नहीं करना है। केंद्रीय प्रोसेसिंग केंद्र (सीपीसी) खुद ही पात्र नोटिस छांट लेगा और उन्हें खत्म कर देगा। उसमें साफ तौर पर लिखा होगा कि कर चुकाने की जरूरत नहीं है।

वेद जैन ऐंड एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन का सुझाव है, ‘अगर आपको कोई ऐसी मांग दिखती है जो खत्म होनी चाहिए थी मगर खत्म नहीं की गई तो आप उसके ब्योरे के साथ सीपीसी में शिकायत कर सकते हैं। मगर उसके लिए अप्रैल तक इंतजार करना अच्छा रहेगा क्योंकि सरकार ने सीपीसी को ऐसी सभी मांगें खत्म करने के लिए दो महीने का समय दिया है।’

जिन सालों की कर मांग खत्म की जानी हैं, उनमें से कुछ की मांग के बदले रिफंड कर दिया गया है। उन पर कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि भुगतान पहले ही हो चुका है और 31 जनवरी 2024 को कुछ भी बकाया नहीं था। मगर बकाया माफी का ऐसे मामलों में चल रहे मुकदमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

First Published - March 11, 2024 | 7:24 AM IST

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