Gold vs Silver vs Sensex: निवेश के कई तरह के ऑप्शन अवेलेबल होने के बावजूद सोने की चमक आज भी बनी हुई है। सोना ने पिछले कई सालों में निवेशकों को न सिर्फ अच्छा रिटर्न दिया है बल्कि दुनिया में उथल-पुथल के बीच भरोसेमंद निवेश एसेट के रूप में भी उभरा है। इसी कड़ी में सोने की कीमत 13 जून को 1 लाख रुपये के पार पहुंच गई। इस पीली धातु ने साल 2005 से अबतक निवेशकों को 1200 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है। इसके मुकाबले सेंसेक्स ने इसी अवधि में 815 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि की कीमतों में इस दौरान करीब 670 प्रतिशत की तेजी आई।
पिछले दो दशकों में सोने के रिटर्न पर नजर डाले तो संकट के दौर में इस कीमती मेटल ने निवेशकों का साथ नहीं छोड़ा और इसकी मजबूती चमक सबसे अलग नजर आई। साल 2008 में जब सेंसेक्स 52.44% टूट गया, तब सोना 28.6% चढ़ा। इसी तरह 2011 और 2020 में भी सोने ने बेहतर प्रदर्शन किया। यहां तक कि 2013 और 2015 जैसे करेक्शन वाले वर्षों में भी सोने की गिरावट इक्विटी की तुलना में काफी सीमित रही।
ALSO READ: RBI New KYC Rules: बंद पड़े बैंक अकाउंट चालू कराना हुआ आसान, बैंक जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत
वहीं, चांदी ने अस्थिर रिटर्न दिखाए। साल 2009 और 2010 जैसे वर्षों में चांदी की कीमतों में दो अंकों की तेजी दिखाई। हालांकि, 2013 में चांदी की कीमतों में 24.25 फीसदी की भारी गिरावट भी आई। दूसरी ओर, सेंसेक्स की परफॉर्मेंस मंदी के दौर में भारी गिरावटों से प्रभावित रही।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अनिश्चितता के समय निवेशक बार-बार सोने की ओर रुख करते हैं। गिरते बाजारों में भी सोने की स्थिरता इसे निवेश का सेफ ऑप्शन बनाती है। यही वजह है कि बीते दो दशकों में सोना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला एसेट रहा है।
13 जून 2025 को MCX पर सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक स्तर को छूते हुए ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर लिया। यह तेजी सिर्फ 74 दिनों में ₹10,000 की बढ़त के साथ अब तक की सबसे तेज़ छलांग रही है। इस तेज रैली के पीछे वैश्विक आर्थिक दबावों का एक परफेक्ट स्टॉर्म था। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की खरीदारी और गोल्ड ETF में मजबूत मांग ने बाजार में तेज़ी का माहौल बना दिया।
केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा, ”वैश्विक मंदी की आशंका, चल रहे टैरिफ युद्ध और डॉलर पर निर्भरता घटाने की वैश्विक ट्रेंड (de-dollarization) ने सेफ हेवन यानी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की खरीद को और तेज़ कर दिया। साल 2025 अब सोने की रफ्तार में अब तक का सबसे आक्रामक दौर बन चुका है। यह दुनिया भर में बढ़ती अस्थिरता को दर्शाता है। यह उछाल एक बार फिर साबित करता है कि सोना जोखिम भरे समय में निवेश का सबसे भरोसेमंद विकल्प बना रहता है। जब तक प्रणालीगत जोखिम बने रहेंगे, सोने की चमक फीकी नहीं पड़ेगी।”
वीटी मार्केट्स में ग्लोबल स्ट्रैटेजी ऑपरेशंस लीड रॉस मैक्सवेल ने कहा कि हाल ही में सोना एक समेकन (consolidation) के चरण में रहा है। लेकिन इसका कुल मिलाकर रुझान अब भी तेज़ी वाला (bullish) बना हुआ है। यूक्रेन में जारी युद्ध, मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव और व्यापार को लेकर जारी वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते यह रुझान बरकरार है। हालांकि किसी भी बाजार में सुधार (pullback) की संभावना बनी रहती है, लेकिन फिलहाल जो कारक सोने की कीमतों को समर्थन दे रहे हैं, उनमें निकट भविष्य में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। ऐसे में यह काफी हद तक संभव है कि सोना अपने मौजूदा हाई लेवल…अप्रैल में बनाए गए $3,500 प्रति औंस से भी ऊपर नए रिकॉर्ड बनाए।
उन्होंने कहा कि अगर फेडरल रिज़र्व ब्याज दरों में कटौती के संकेत देता है, तो यह भी सोने के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे बिना ब्याज वाले एसेट्स (जैसे सोना) को रखने की लागत घटती है। साथ ही, अगर व्यापारिक टैरिफ के कारण महंगाई दर बढ़ती है, तो वह भी सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा सकता है।
वेंचुरा में कमोडिटी डेस्क और सीआरएम एन एस रामास्वामी प्रमुख का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय कॉमेक्स बाजार में सोना वर्तमान $3430 के स्तर से $3509 के उच्च स्तर को पार कर सकता है। साथ ही 3476 डॉलर पर रेसिस्टेंस के साथ शॉर्ट टर्म में $3540 का हाई लेवल बना सकता है। कॉमेक्स गोल्ड के लिए समर्थन $3400 और $3345 पर देखा जा रहा है। घरेलू बाजार एमसीएक्स अगस्त फ्यूचर्स में सोना वर्तमान में 99800 रुपये (100403 रुपये का हाई लेवल) पर है। 98900 रुपये के समर्थन के साथ यह शार्ट टर्म में 102,000 रुपये तक बढ़ सकती है।”
रोस मैक्सवेल के अनुसार, इन तमाम वजहों से सोना अब भी लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद ‘सेफ हेवन’ एसेट बना हुआ है। यह बाजार की अस्थिरता के बीच स्थिरता की पेशकश करता है। वहीं, ट्रेडर्स के लिए सोने में मौके जरूर हैं। लेकिन इसके लिए आर्थिक और तकनीकी कारकों की सावधानीपूर्वक निगरानी जरूरी है।
सीआरएम एन एस रामास्वामी का कहना है कि सोने की सुरक्षित निवेश अपील मजबूत बनी रहने की संभावना है। खास तौर पर मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए। स्थिरता और अस्थिरता से सुरक्षा चाहने वाले निवेशकों के पोर्टफोलियो में यह एक महत्वपूर्ण एसेट बनी हुई है।
अजय केडिया के अनुसार, सोना का टेक्निकल आउटलुक पॉजिटिव दिखा रहा है। उन्होंने टेकिन्कल आधार पर सोने 1,03,500 रुपये और कॉमेक्स पर 3500-3540 डॉलर जाने का अनुमान जताया है। एनएस रामास्वामी ने कहा कि घरेलू बाजार एमसीएक्स अगस्त फ्यूचर्स में सोना फिलहाल 99800 रुपये (100403 रुपये का उच्चतम स्तर) पर है। 98900 रुपये पर सपोर्ट के साथ यह शॉर्ट टर्म में 102000 रुपये तक बढ़ सकता है।