WGC रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड की निवेश मांग मजबूत बनी हुई है और यह जनवरी-मार्च में 43.6 टन से 7 फीसदी बढ़कर 46.7 टन हो गई। (File Image)
WGC Report on Gold investment trends: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने कहा कि भारत की कुल सोने की खपत में निवेश डिमांड की भागीदारी 2025 में बढ़ने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि सोने की बेतहासा बढ़ती कीमतों के चलते ज्वेलरी डिमांड में कमी आई है। जबकि जियो-पॉलिटिकल टेंशन के चलते सेफ इनवेस्टमेंट के लिए सोने की डिमांड बढ़ी है। WGC की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही के दौरान ज्वेलरी डिमांड 25 फीसदी घटकर 71.4 टन रह गई, जो एक साल की इसी अवधि में अवधि में 95.5 टन थी। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि निवेशक पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए सोने में निवेश को तरजीह दे रहे हैं।
WGC की ओर से बुधवार को जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, 2025 तक भारत की सोने की डिमांड 700-800 टन के बीच रह सकती है। वर्ष 2025 के आरंभ से सोने की कीमतें 25 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं, जो 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की सीमा पर पहुंच गई जिससे उपभोक्ता के खरीद के तरीके में बदलाव आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सोने की मांग इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में 15 फीसदी घटकर 118.1 टन रह गई, जबकि बढ़ती कीमतों के कारण इसकी वैल्यू 22 फीसदी बढ़कर 94,030 करोड़ रुपये हो गई।
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WGC इंडिया के सीईओ सचिन जैन ने रॉयटर्स को बताया कि ग्लोबल ट्रेड वार की चिंताओं के बीच शेयर बाजार में गिरावट से निवेश डिमांड बढ़ रही है। खासकर सोने के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए, जबकि ज्वेलरी डिमांड में कमी आ रही है।
जैन ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में कहा, ऊंची कीमतों ने खरीद क्षमता को प्रभावित किया है। फिर भी सोने की कल्चरल डिमांड खासकर अक्षय तृतीया और आगामी वेडिंग सीजन में खरीदारी का सेंटीमेंट देखने को मिल सकता है। अक्षय तृतीया पर गोल्ड मार्केट में हलचल रहने देखी जा रही है। इस दिन का भारत में पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व के चलते सोने की खरीदारी की जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड की निवेश मांग मजबूत बनी हुई है और यह जनवरी-मार्च में 43.6 टन से 7 फीसदी बढ़कर 46.7 टन हो गई। हालांकि, 2025 की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही के दौरान ज्वेलरी डिमांड 25 फीसदी घटकर 71.4 टन रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 95.5 टन थी।
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WGC की रिपोर्ट बताती है कि 2020 के बाद से गोल्ड का सबसे कम वॉल्यूम था। हालांकि, वैल्यू सालाना आधार पर तीन फीसदी ज्यादा रही। सोने का आयात जनवरी-मार्च तिमाही में आठ फीसदी बढ़कर 167.4 टन हो गया, जबकि उपभोक्ताओं द्वारा रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद अपने सोने को बचाए रखने के कारण रिसाइकिल 32 फीसदी घटकर 26 टन रह गया।
इस वर्ष की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही में सोने की औसत तिमाही कीमत 79,633.4 रुपये प्रति 10 ग्राम रही जबकि 2024 की पहली तिमाही में यह 55,247.2 रुपये थी। इस बीच, 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में ग्लोबल मार्केट में सोने की डिमांड एक फीसदी बढ़कर 1,206 टन हो गई है, जो 2019 के बाद पहली तिमाही में दर्ज सबसे ज्यादा डिमांड है।
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(Input: Reuters, PTI)