Central banks gold buying: मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2025 के दौरान दुनिया भर के सेंट्रल बैंक लगातार चौथे साल 1 हजार टन से ज्यादा सोने की खरीदारी कर सकते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक जिस तरह से ट्रेड वॉर को लेकर ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितता बढ़ रही है, सेट्रल बैकों की खरीदारी आगे भी जारी रह सकती है। इस बात के सबूत दिसंबर तिमाही के आंकड़ों से भी मिलते हैं। 2024 के दौरान दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने 1,044.6 टन सोना खरीदा जिसमें से 333 टन सोने की खरीद सिर्फ अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान की गई। यह वही वक्त था जब ट्रम्प की जीत के बाद उनकी नीतियों को लेकर ग्लोबल लेवल पर जबरदस्त असमंजस की स्थिति पैदा हुई।
2010 से लेकर 2021 के एनुअल एवरेज 473 टन के मुकाबले सेंट्रल बैंकों की खरीद बीते साल बहुत ज्यादा रही। इतना ही नहीं लगातार 15वें साल 2024 में सेंट्रल बैंक बीते साल इस बेशकीमती धातु के नेट बायर्स रहे। 2023 और 2022 में सेंट्रल बैंकों की तरफ से क्रमश :1,050.8 टन और 1080.01 टन सोने की खरीद की गई थी। इन आंकड़ों से पता चलता है कि आखिर पिछले तीन वर्षों में सोने की कीमतों को परवान चढ़ाने में सेंट्रल बैंकों की खरीदारी का कितना योगदान रहा है। पिछले कैलेंडर ईयर के दौरान सोने की कीमतों में 27 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वर्ष | नेट खरीदारी (टन)
|
2024 | 1,044.63 |
2023 | 1,050.81 |
2022 | 1,080.01 |
2021 | 450.11 |
2020 | 254.94 |
2019 | 605.41 |
2018 | 656.23 |
2017 | 378.56 |
2016 | 394.86 |
2015 | 579.55 |
2014 | 601.13 |
2013 | 653.08 |
2012 | 582.19 |
2011 | 515.81 |
2010 | 10.4.39 |
(Source: World Gold Council)
खरीदारी के मामले में कौन देश रहे आगे
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार 2024 में सबसे ज्यादा खरीदारी पोलैंड के सेंट्रल बैंक, नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड की तरफ से की गई। इस दौरान पोलैंड के केंद्रीय बैंक ने अपने गोल्ड रिजर्व में 90 टन का इजाफा किया। इस तरह से 2024 के अंत तक पोलैंड का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 448 टन पर पहुंच गया जो उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का 17 फीसदी है। पोलैंड का केंद्रीय बैंक 130.03 टन सोने की खरीद के साथ 2023 में दूसरे पायदान पर रहा था।
बीते साल दूसरे नंबर पर रहा तुर्किए का केंद्रीय बैंक (CBRT)। तुर्किए के केंद्रीय बैंक ने इस दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 74.80 टन की बढ़ोतरी की जबकि 2023 में यह नेट सेलर (-1.58 टन) था।
भारत रहा तीसरे नंबर पर
भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) कुल 73 टन सोने की खरीदारी के साथ 2024 में तीसरे नंबर पर रहा। बीते वर्ष के अंत तक भारत का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 876 टन तक पहुंच गया। देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) का यह 11 फीसदी है। एक साल पहले यह हिस्सेदारी 7 .7 फीसदी थी। आरबीआई ने 2024 में लगातार सातवें साल सोने की नेट खरीदारी की। सालाना आधार पर देखें तो 2001 के बाद यह केंद्रीय बैंक की तरफ से सोने की तीसरी सबसे बड़ी खरीद रही। इससे ज्यादा खरीदारी 2021 और 2009 में देखने को मिली थी। आरबीआई ने 2021 में 77 टन जबकि 2009 में 200 टन सोना खरीदा था। हालांकि लगातार 11 महीने की खरीद के बाद उसने दिसंबर में इससे परहेज किया। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने नवंबर में लगातार 11वें महीने गोल्ड खरीदने का सिलसिला बरकरार रखा था। आरबीआई 16 टन सोने की खरीद के साथ 2023 में छठे पायदान पर रहा था।
फॉरेक्स रिजर्व को डायवर्सिफाई करने की रणनीति के तहत आरबीआई आगे भी गोल्ड की खरीद जारी रख सकता है।
कैलेंडर ईयर | सोने की खरीद (टन) |
2024 | 72.6 |
2023 | 16 |
2022 | 33 |
2021 | 77 |
2020 | 38 |
2019 | 32.7 |
2018 | 40.5 |
(Source: RBI)
चीन का गोल्ड रिजर्व 2,280 टन पर पहुंचा
कैलेंडर ईयर 2024 की बात करें तो इस दौरान चीन के गोल्ड रिजर्व में 44 टन की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 2,280 टन पर पहुंच गया जो उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का 5 फीसदी है। हालांकि 2022 के बाद सालाना आधार पर यह गोल्ड की सबसे कम खरीदारी है। चीन के केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में लगातार दूसरे महीने सोने की खरीदारी की। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) की तरफ से दिसंबर 2024 में 10 टन सोने की खरीद की गई। इससे पहले छह महीने के ब्रेक यानी अप्रैल 2024 के बाद पहली बार नवंबर 2024 में चीन के केंद्रीय बैंक ने सोना खरीदा था। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC) की तरफ से नवंबर में 5 टन सोने की खरीद की गई थी।
चीन के केंद्रीय बैंक ने 2023 के दौरान अपने गोल्ड रिजर्व में 225 टन का इजाफा किया था।
यदि ट्रंप की नीतियों की वजह से चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर टकराहट बढ़ती है तो शायद चीन का केंद्रीय बैंक सोने की खरीद में और तेजी लाए। इस बात की गुंजाइश इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि चीन के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी अभी भी 5 फीसदी के नीचे है। जबकि भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 10 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है। जानकार मानते हैं के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य (geo-political scenario) के मद्देनजर चीन गोल्ड की हिस्सेदारी को कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ाना चाहेगा।
2024 के दौरान नेट खरीदारी
2024 | नेट खरीदारी (Net purchases)
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पोलैंड | 89.50 टन |
तुर्किए | 74.80 |
भारत | 72.60 |
अजरबैजान | 44.80 |
चीन | 44.20 |
चेक रिपब्लिक | 20.50 |
इराक | 20.10 |
हंगरी | 15.50 |
उजबेकिस्तान | 11.20 |
घाना | 11 |
(Source: World Gold Council)
2024 के दौरान नेट बिक्री
2024 | नेट बिक्री (Net sales)
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फिलीपींस | -29.40 |
कजाकिस्तान | -10.20 |
सिंगापुर | -10.10 |
थाइलैंड | -9.60 |
क्युरासाओ & सेंट मार्टिन | -3.90 |
(Source: World Gold Council)
क्यों सेंट्रल बैंक खरीद रहे सोना ?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सर्वे (2024 Central Bank Gold Reserves (CBGR) survey) बताते हैं कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से खरीदारी की सबसे बड़ी वजह लॉन्ग टर्म स्टोर ऑफ वैल्यू यानी इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर सोने की भूमिका है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह इस कीमती धातु का संकट के दौर में प्रदर्शन है। तीसरी वजह पोर्टफोलियो को प्रभावी रूप से डायवर्सिफाई करने में सोने की भूमिका जबकि चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम रहित होना है। जबकि पांचवीं वजह सोने का ऐतिहासिक महत्व (Historical Position) है।