प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन में नकदी की चोरी रोकने के लिए एक नया कदम उठाया है। अब जिन गाड़ियों में FASTag नहीं है या FASTag काम नहीं कर रहा, उनके मालिक UPI से टोल का भुगतान करके कम जुर्माना दे सकते हैं। मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी।
नए नियम के मुताबिक, बिना FASTag या खराब FASTag वाली गाड़ी को अब टोल प्लाजा पर दोगुना टोल देने की बजाय 1.25 गुना टोल देना होगा, बशर्ते वे UPI से भुगतान करें। उदाहरण के लिए, अगर किसी गाड़ी का टोल 100 रुपये है, तो बिना FASTag के उसे पहले 200 रुपये नकद देने पड़ते थे। लेकिन अब UPI से पेमेंट करने पर सिर्फ 125 रुपये देने होंगे।
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सरकार का कहना है कि FASTag की वजह से टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारें कम हुई हैं। 2022 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय अब सिर्फ 47 सेकंड है। देश में करीब 98 फीसदी हाईवे यूजर्स FASTag का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सिस्टम न केवल समय बचाता है, बल्कि टोल कलेक्शन को पारदर्शी भी बनाता है।
लेकिन अभी भी कुछ लोग FASTag का इस्तेमाल नहीं करते, जिसके चलते नकद भुगतान होता है। इससे टोल कलेक्शन में गड़बड़ी की आशंका रहती है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2024 में सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लॉन्च करते वक्त कहा था कि नकद भुगतान की वजह से हर साल करीब 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
नया नियम लागू होने से नकद भुगतान में कमी आएगी। UPI का इस्तेमाल बढ़ने से टोल कलेक्शन और भी पारदर्शी होगा। साथ ही, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम उन लोगों के लिए भी राहत लेकर आया है, जो किसी कारणवश FASTag नहीं ले पाए हैं। मंत्रालय का मानना है कि इससे टोल प्लाजा पर और तेजी आएगी।