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Engine protection cover: भारी वर्षा वाले इलाकों में गाड़ी का इंजन प्रोटेक्शन कवर जरूरी

Engine protection cover: अगर आप बारिश या जलभराव वाले इलाके में रहते हैं तो गाड़ी फंसने की हालत में होने वाले खर्च से बचने का इंतजाम पहले ही कर लें

Last Updated- June 28, 2024 | 10:57 PM IST
भारी वर्षा वाले इलाकों में गाड़ी का इंजन प्रोटेक्शन कवर जरूरी, Engine protection cover: Must-have in areas prone to heavy rains

Engine protection cover: बारिश का मौसम आ गया है और देश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश के बाद सड़कों पर पानी भरने तथा वाहन फंसने की खबरें लगातार आ रही हैं। गाड़ियों के लिए यह मौसम आम तौर पर खतरनाक होता है और जहां जलभराव रहता है, वहां तो गाड़ी फंसने या इंजन खराब होने का डर अधिक होता है। वे गाड़ियां ज्यादा खतरे में होती हैं, जिनका ग्राउंड क्लियरेंस कम होता है यानी जमीन से जिनके चैसि की ऊंचाई कम होती है। उस हालत में गाड़ी ठीक कराने का खर्च भी अच्छा खासा हो जाता है।

अगर आप भी ज्यादा बारिश या जलभराव वाले इलाके में रहते हैं तो गाड़ी फंसने की हालत में होने वाले खर्च से बचने का इंतजाम पहले ही कर लेना चाहिए। आपके पास थर्ड पार्टी बीमा के साथ कॉम्प्रिहेंसिव मोटर बीमा जरूर होना चाहिए क्योंकि यह आपकी गाड़ी के साथ कोई हादसा होने, चोरी होने या गाड़ी से किसी और को नुकसान पहुंचने पर खर्च की अच्छी खासी भरपाई कर देता है। मगर मॉनसून से होने वाले नुकसान की भरपाई इसमें नहीं होती। इसके लिए आपको कुछ ऐड ऑन कवर लेने चाहिए।

इंजन प्रोटेक्शन कवर

पानी भरी सड़कों पर गाड़ी चलाते समय इंजन में पानी घुसने का डर रहता है, जिससे काफी नुकसान हो सकता है। कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी आम तौर पर इसके लिए कुछ नहीं करती। इसीलिए इंजन को होने वाले नुकसान के लिए अलग से इंजन प्रोटेक्शन कवर खरीद लेना चाहिए।

बजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस में हेड (मोटर डिस्ट्रीब्यूशन) शुभाशिष मजूमदार बताते हैं, ‘अगर गाड़ी में पानी घुसने से कोई नुकसान होता है या इंजन ही बंद हो जाता है तो उसकी मरम्मत में या पूरे इंजन और पुर्जों को बदलने में आने वाला खर्च इस ऐड-ऑन कवर से मिल जाता है।’ पानी घुसने से खराब हुआ इंजन सही कराने या बदलवाने में कई बार लाखों रुपये लग जाते हैं।

मैग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस के मुख्य तकनीक अधिकारी अमित भंडारी का कहना है कि इंजन के अलावा गियरबॉक्स जैसे पुर्जों को हुए नुकसान की होने वाले नुकसानों की भी भरपाई इसमें हो जाती है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के चीफ – अंडरराइटिंग ऐंड क्लेम प्रॉपर्टी ऐंड कैजुअल्टी गौरव अरोड़ा बताते हैं कि इंजन प्रोटेक्शन कवर की कीमत बीमा पॉलिसी में तय की गई वाहन की कीमत और कुछ अन्य बातों पर निर्भर करती है। इलेक्ट्रिक वाहन वालों को बैटरी प्रोटेक्शन कवर लेना चाहिए।

जीरो डेप्रिसिएशन कवर

कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी में दावा निपटाते समय आम तौर पर बीमा कंपनी डेप्रिसिएशन के नाम पर पुर्जे की कीमत कम लगाती है। मजूमदार कहते हैं, ‘ गाड़ी इस्तेमाल होने पर उसके पुर्जे घिसते हैं और उनकी वजह से आपके दावे में से कुछ रकम घटा दी जाती है। यह बात पॉलिसी दस्तावेज में भी लिखी रहती है।’ मरम्मत में जो खर्च आता है और बीमा कंपनी डेप्रिसिएशन के बाद जो रकम तय करती है, उन दोनों के बीच का अंतर ग्राहक को अपनी जेब से अदा करना होगा है।

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेड- मोटर इंश्योरेंस नितिन कुमार समझाते हैं, ‘जीरो डेप्रिसिएशन कवर को बंपर-टु-बंपर कवर भी कहते हैं। इसमें डेप्रिसिएशन के नाम पर कुछ भी नहीं काटा जाता और आपको दावे में बताई पूरी रकम मिल जाती है।’

रोड साइड असिस्टेंस

अगर आपकी गाड़ी सड़क पर भरे पानी में फंस जाती है तब यह ऐड-ऑन कवर बहुत काम आता है। अरोड़ा कहते हैं, ‘इसमें आपकी गाड़ी मौके पर ही संभाली जाती है या उठाकर गैराज तक पहुंचाई जाती है और जरूरत पड़ने पर आपको पेट्रोल या डीजल भी वहीं पहुंचा दिया जाता है।’ इसमें ग्राहक को अतिरिक्त बैटरी दी जा सकती है और टायर का पंक्चर भी जोड़ा जा सकता है।

एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशंस के संस्थापक एम बर्वे चेताते हैं कि बारिश बहुत ज्यादा हो रही है और आपके पास यह कवर नहीं है तो गाड़ी को खींचकर गैराज तक पहुंचाने का इंतजाम बहुत मुश्किल से हो पाएगा। अरोड़ा के मुताबिक इस कवर की कीमत 199 रुपये से शुरू होती है और 1,000 रुपये से कुछ ऊपर तक जाती है। कुछ बीमा कंपनियां महिलाओं को पूरे एक साल तक यह कवर देती हैं और बर्वे की सलाह है कि बिना चूके इसे रीन्यू करा लेना चाहिए।

टायर प्रोटेक्शन

भारी बारिश में अक्सर सड़कें खराब हो जाती हैं और उन पर चलने वाली गाड़ियों के टायरों को भी नुकसान होता है। मजूमदार कहते हैं, ‘ टायर कटने, फटने या फूल जाने पर मरम्मत कराने या टायर बदले जाने के एवज में जो भी खर्च आता है, वह टायर प्रोटेक्शन कवर से मिल जाता है।’ भंडारी की राय में यह कवर उन लोगों के लिए जरूरी है जो अक्सर ऊबड़-खाबड़ इलाकों और जर्जर सड़कों से गुजरते हैं।

गाड़ी जबरदस्ती स्टार्ट न करें

अगर आपकी कार सड़क पर भरे पानी में फंस गई है तो सबसे पहले उससे बाहर निकल जाएं और उसके बाद मदद मांगें। अरोड़ा समझाते हैं, ‘सड़क पर भरे पानी में फंसने पर गाड़ी स्टार्ट नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने पर गाड़ी के इंजन को नुकसान हो सकता है।’ बर्वे आगाह करते हैं कि इंजन में पानी भरने पर गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश की गई तो उससे होने वाले नुकसान की भरपाई करने से बीमा कंपनी मुकर भी सकती है।

First Published - June 28, 2024 | 10:41 PM IST

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