अलग-अलग आर्थिक धोखाधड़ी के बीच क्रेडिट स्कोर चोरी के मामले भी ग्राहकों के लिए एक गंभीर खतरा बनकर उभरे हैं। ऐसी चोरी का कई महीनों तक पता नहीं चलता है और जब पता चलता है तो पीड़ित की साख (ऋण की साख) पूरी तरह बरबाद हो जाती है। आइए समझते हैं क्रेडिट स्कोर की धोखाधड़ी का कैसे पता लगाएं और उसे रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए।
क्रेडिट स्कोर धोखाधड़ी तब होती है जब किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी चुरा ली जाती है और उसका उपयोग नए क्रेडिट खाते खोलने (ऋण लेने के लिए) अथवा अनधिकृत खरीदारी करने के लिए की जाती है। इस तरह की धोखाधड़ी आपके क्रेडिट स्कोर को कम कर सकती है, जिससे ऋण लेने अथवा ऋण के लिए बेहतरीन ब्याज दर हासिल करने में परेशानी हो सकती है।
असामान्य पूछताछः अगर आपको ऐसी क्रेडिट पूछताछ दिखती है जिसे आपने नहीं की है, तो यह हो सकता है कि कोई आपके नाम पर नए खाते खोलने की कोशिश कर रहा हो।
अज्ञात खाताः असूचित अथवा बगैर जानकारी वाले क्रेडिट (ऋण) खातों का होना भी इसका संकेत हो सकता है और आपको इसकी जांच करनी चाहिए।
खातों में अनधिकृत गतिविधियांः आपके मौजूदा खातों में संदिग्ध लेनदेन अथवा अप्रत्याशित बदलाव साइबर अपराधियों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का संकेत भी देता है।
पूरी जानकारी रखेंः समय-समय पर अपना सिबिल स्कोर देखते रहें और किसी भी तरह की असामान्य स्थिति और बदलावों की शिकायत कराएं।
मजबूत पासवर्ड रखेंः ऑनलाइन बैंकिंग और शॉपिंग खातों के लिए जटिल पासवर्ड रखें और समय-समय पर उसे बदलते रहें।
अलर्ट जारी रखेंः अपने खाते में लेनदेन अथवा किसी भी तरह का बदलाव होने पर सूचना पाने के लिए अपने बैंक अथवा वित्तीय संस्थान के साथ अलर्ट सेट करें।
व्यक्तिगत दस्तावेज को सुरक्षित रखेंः अपने जरूरी एवं संवेदनशील दस्तावेज को सुरक्षित स्थान पर रखें और जिनकी अब जरूरत नहीं है उसे हटा दें।
व्यक्तिगत जानकारी देने का अनुरोध करने वाले फोन कॉल, मेसेज, ईमेल आदि से सावधान रहें। किसी को भी जानकारी देने से पहले हमेशा स्रोत की पुष्टि कर लें।
अगर आपको लगता है कि आप क्रेडिट धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं तो तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है। धोखाधड़ी की जानकारी देने और लिखित शिकायत के लिए तुरंत अपने बैंक अथवा ऋणदाता से संपर्क करें।