ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अपने ताजा विश्लेषण में अनुमान लगाया है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया भर के शेयर बाजार औसतन 7.1% सालाना रिटर्न दे सकते हैं। हालांकि, इस वैश्विक औसत से अलग भारत को एक बड़ी ‘आउटलायर’ बताते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय बाजार बाकी देशों की तुलना में कहीं तेजी से बढ़ सकता है।
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अगले 10 सालों में दुनिया भर की कंपनियों की कमाई (EPS) लगभग 6% की रफ्तार से बढ़ेगी। इसमें कंपनियों द्वारा किए जाने वाले शेयर बायबैक का असर भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में शेयर बाजार को ऊपर ले जाने वाली मुख्य वजह कंपनियों की बढ़ती कमाई ही होगी। इसके अलावा जो रिटर्न मिलेगा, वह डिविडेंड से आएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी अमेरिकी बाजार बहुत महंगे हो गए हैं, जिससे निवेशकों के लिए वहां जोखिम बढ़ गया है। इसी वजह से उभरते बाजारों (Emerging Markets) में निवेश करना इस समय ज्यादा बेहतर और सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है।
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गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट कहती है कि एशिया पैसिफिक (APAC) देशों में भारत की कमाई (EPS) सबसे तेज बढ़ेगी। अगले 10 सालों में यह बढ़ोतरी करीब 13% हर साल (CAGR) हो सकती है। यह बाकी सभी देशों से ज्यादा है। विश्लेषकों का कहना है कि भारत में यह तेजी इसलिए दिखेगी क्योंकि
ब्रोकरेज ने पहले दो सालों के लिए 14% EPS ग्रोथ का अनुमान लगाया है। इसके बाद साल 3 से 10 तक का अनुमान GDP और पुराने आंकड़ों के आधार पर निकाला गया, जिससे 8.3% का औसत EPS ग्रोथ सामने आया। लेकिन भारत का अनुमानित ग्रोथ इससे भी काफी ज्यादा और मजबूत रहने की उम्मीद है।
| GDP ग्रोथ (CAGR) | EPS ग्रोथ (CAGR) | ||||
|---|---|---|---|---|---|
| MSCI मार्केट | नॉमिनल (26–35) | रीयल (26–35) | पिछले 20 साल (2006–25) | पिछले 10 साल (2016–25) | अगले 10 साल (26–35) |
| ऑस्ट्रेलिया | 5.3% | 2.8% | 3% | 6% | 6% |
| चीन | 4.9% | 3.6% | 11% | 7% | 7% |
| ताइवान | 2.7% | 2.2% | 8% | 11% | 10% |
| दक्षिण कोरिया | 3.8% | 2.1% | 6% | 10% | 9% |
| हांगकांग | 4.7% | 2.0% | 6% | 5% | 6% |
| सिंगापुर | 2.8% | 2.1% | 7% | 8% | 6% |
| भारत | 11.1% | 6.7% | 12% | 12% | 13% |
| इंडोनेशिया | 6.8% | 4.9% | 4% | 2% | 6% |
| मलेशिया | 4.4% | 4.4% | 5% | 8% | 6% |
| थाईलैंड | 2.6% | 2.1% | 6% | 4% | 6% |
| फिलीपींस | 8.0% | 5.8% | 7% | 8% | 9% |
| MXAPJ (एशिया पैसिफिक इंडेक्स) | 5.0% | 3.3% | 7% | 8% | 9% |
| जापान | 1.7% | 0.5% | 5% | 8% | 6% |
विश्लेषकों का कहना है कि अगर भारत में EPS 13% की रफ्तार से बढ़ता रहा, तो सेंसेक्स अगले 10 सालों में (यानी 2036 तक) लगभग 2,87,000 से 3,00,000 अंकों तक पहुंच सकता है। यह गणना इस आधार पर की गई है कि लंबे समय में बाजार आमतौर पर कॉरपोरेट कमाई के अनुपात में ही बढ़ते हैं।
इसी तरह, निफ्टी भी अगले दशक में करीब 88,700 अंक को छू सकता है।
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, भारत के बाद सबसे तेज कमाई बढ़ोतरी दक्षिण अफ्रीका (10.1%), और उत्तर एशिया (10%) में देखने को मिल सकती है, जहां तकनीकी सेक्टर ग्रोथ को बढ़ावा देगा। वहीं, यूरोप, MENA (मिडल ईस्ट व नॉर्थ अफ्रीका) जैसे क्षेत्रों में ग्रोथ काफी कम –
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन क्षेत्रों में कमजोर आर्थिक गति, AI से सीमित लाभ और तेल की कीमतों में गिरावट जैसी चुनौतियां रहेंगी।
रिपोर्ट के सह-लेखक और गोल्डमैन सैक्स के एशिया-प्रशांत इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट टिमोथी मोए ने कहा कि आने वाले सालों में AI वैश्विक बाजारों का स्वरूप बदलने वाली एक बड़ी ताकत बनेगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AI के फायदे केवल अमेरिकी टेक कंपनियों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि इसका असर वैश्विक और उभरते बाजारों दोनों पर पड़ेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले दशक में आर्थिक और बाजार दोनों मोर्चों पर बेहतर प्रदर्शन करने वाला देश बन सकता है। अगर अनुमान सही साबित होते हैं, तो निवेशकों को लंबी अवधि में बेहद मजबूत रिटर्न मिल सकते हैं और भारत दुनिया के सबसे आकर्षक इक्विटी बाजारों में शामिल हो सकता है।