टेरा सॉफ्टवेयर के शेयरों ने बुधवार को बीएसई पर 10% की तेजी के साथ 155.05 रुपये का नया रिकॉर्ड छू लिया। कमजोर बाजार के बावजूद, इस कंपनी के शेयरों में लगातार तीसरे दिन अपर सर्किट लगा, जिससे तीन दिन में इसमें 33% की बढ़ोतरी हुई है।
पिछले छह दिनों में इस कंपनी का शेयर 5 नवंबर 2024 के 76.72 रुपये के स्तर से 102% बढ़ा है। ट्रेडिंग वॉल्यूम में तीन गुना वृद्धि हुई है, जिसमें दोपहर 1:43 बजे तक एनएसई और बीएसई पर कुल मिलाकर 29 लाख शेयरों का लेनदेन हुआ। इसके अलावा, इन एक्सचेंजों पर करीब 60,000 शेयरों के खरीद ऑर्डर लंबित हैं। दूसरी ओर, बीएसई सेंसेक्स में 0.63% या 499 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 78,181 पर बंद हुआ।
टेरा सॉफ्टवेयर के शेयरों में यह तेजी आईटीआई के साथ साझेदारी में भारतनेट फेज-3 प्रोजेक्ट के तीन पैकेजों के लिए सबसे कम बोलीदाता (L1) बनने के कारण है। यह प्रोजेक्ट कुल 3,022 करोड़ रुपये का है। कंपनी ने एक्सचेंज को जानकारी दी कि उसने हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार में भारतनेट परियोजना के लिए यह बोली जीती है।
टेरा सॉफ्टवेयर अकेली ऐसी कंपनी है जो भारतनेट परियोजना के पहले फेज से लगातार सक्रिय है। कंपनी ने आंध्र प्रदेश में फेज-1, ओडिशा में फेज-2, और अब फेज-3 में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
भारतनेट परियोजना का उद्देश्य सभी ग्राम पंचायतों और गांवों को 100Mbps की गति से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देना है। यह प्रोजेक्ट डिजिटल भारत निधि (यूएसओएफ) के तहत फंडेड है और इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा देना है।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारतनेट परियोजना के लिए 8,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, ताकि ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए आवश्यक दूरसंचार ढांचा तैयार किया जा सके। कंपनी का मानना है कि इससे उनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और मेंटेनेंस सेवाओं के नए अवसर पैदा होंगे।
आगे बढ़ते हुए, टेरा सॉफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सॉफ़्टवेयर-डिफाइन्ड एक्सपीरियंस (SDX), और साइबर सुरक्षा जैसे नए क्षेत्रों में संभावनाओं पर फोकस कर रही है। कंपनी का मानना है कि उभरती तकनीकों के साथ आगे बढ़ने के लिए नई साझेदारियों और अपने कर्मचारियों की स्किल में सुधार पर ध्यान देना जरूरी है।
कंपनी नए तकनीकी समाधान और सेवाएं विकसित करने पर भी काम कर रही है, ताकि भविष्य के लिए बेहतर तकनीकी उत्पाद पेश किए जा सकें।