भारत के तीसरे सबसे बड़ी असेट मैनेजमेंट कंपनी यूटीआई म्युचुअल फंड को विभिन्न सरकारी फंडों से करीब पांच हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।
इस सरकारी फंड में नेशनल इन्वेस्टमेंट फंड, सरकारी उपक्रमों का म्युचुअल फंडों में डाला जाने वाला अतिरिक्त धन और पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस का पैसा शामिल है। यूटीआई म्युचुअल फंड को डाक विभाग से इसकी सूचना भी आ चुकी है जिसका पैसा अगले तीन चार महीनों में आने लगेगा।
एक अनुमान के मुताबिक पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस के पास सालाना करीब दो करोड़ रुपए इकट्ठा हो जाते हैं जिसमे से आधा पैसा यूटीआई के पास आएगा और सरकारी उपक्रमों से उसे इस साल करीब 4000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। इसके अलावा फंड हाउस के पास 450 करोड़ का पेंशन असेट भी है जो उसकी अलग सब्सिडियरी यूटीआई रिटायरमेंट सोल्यूशं प्राइवेट लि. के पास है।
फिलहाल उसके पास दो फंड मैनेजर हैं जो यह पैसा पीएफआरडीए के नियमों के अनुसार निवेश करेंगे। यानी इस रकम का 85 फीसदी बांडों में निवेश किया जाएगा, 5 फीसदी इक्विटी में और 10 फीसदी म्युचुअल फंडों की इक्विटी संबंधी स्कीमों में।
सूत्रों के मुताबिक पेंशन फंड के निवेशकों के लिए नियमों में ढील दी जा सकती है। अब जो कर्मचारी पेंशन के पैसे में हिस्सेदारी रखेंगे उन्हे यह हक होगा कि वो तय कर सकें कि उन्हे किस म्युचुअल फंड में निवेश करना है, वे स्टेट बैंक, एलआईसी और यूटीआई मे से किसी एक म्युचुअल फंड को चुन सकते हैं। उन्हें यह तय करने का भी हक होगा कि उनका कितना पैसा इक्विटी में लगाया जाए और कितना डेट फंड में।
फंड हाउस इसके अलावा 19 और राज्यों से उनके यहां के पेंशन का पैसा मैनेज करने के लिए बातचीत कर रहा है। अगले कुछ महीनों में उसके पास दूसरे राज्यों से भी पैसा आना शुरू हो सकता है। यूटीआई एएमसी के पास नेशनल इन्वेस्टमेंट फंड से 550 करोड़ रुपए आए हैं जो फंड को सरकारी उपक्रमों के विनिवेश से मिले थे।
सरकार ने दो सरकारी उपक्रमों, रूरल इलेक्ट्रि-फिकेशन कार्पोरेशन और पावर ग्रिड में कुल 2000 करोड रुपए का विनिवेश किया था। यूटीआई म्युचुअल फंड में सरकारी उपक्रमों का करीब 4000 करोड़ रुपया लगा हुआ है जिसमें ओएनजीसी, एमटीएनएल, इंडियन ऑयल, सेल और कुछ अन्य कंपनियां शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक यूटीआई फंड में ईपीएफ का पैसा आने में अभी कुछ वक्त लग सकता है क्योकि वामपंथी पार्टियां इस पैसे का इक्विटी बाजार में निवेश करने का विरोध कर रही हैं। इसी तरह पीएफआरडीए बिल भी संसद में फंसा हुआ है, और जब यह पास होगा तो पेंशन फंड का पैसा विदेशी बाजारों में भी लगाया जा सकेगा।
सूत्रों का कहना है कि यूटीआई म्युचुअल फंड का आईपीओ भी आने की पूरी तैयारी में है और अगले महीने यह बाजार में आ जाएगा। जहां तक प्री आईपीओ प्लेसमेंट का सवाल है वह अगले 15 दिनों में पूरा हो जाएगा।