वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दुलारी देवी द्वारा दिया गया तोहफा भारतीय जनता पार्टी द्वारा बजट में बिहार को दिया गया बेहतरीन तोहफा साबित हो सकता है, जहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सीतारमण एक कार्यक्रम के लिए मिथिलांचल दौरे पर गई थीं। वहां उनकी मुलाकात पद्मश्री पुरस्कार विजेता दुलारी देवी से हुई जो मधुबनी पेंटिंग की मशहूर कलाकार हैं।
उन्होंने सुनहरे बॉर्डर वाली एक सफेद साड़ी पर अपने गांव के दृश्यों को चित्रित किया था, जिसमें उड़ती तितलियों और उछलती मछलियों को दर्शाया गया था। उन्होंने वित्त मंत्री को वह साड़ी उपहार में दी और अगला बजट पेश करते समय उसी साड़ी को पहनने का अनुरोध किया था। सीतारमण ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए आज वही साड़ी पहनकर बजट प्रस्तुत करने आईं।
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वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद लोक सभा से बाहर आते समय केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से जब पूछा गया कि उनके लिए बजट का क्या मायने है तो उन्होंने कहा, ‘विनिर्माण, विनिर्माण, विनिर्माण! एमएसएमई, एमएसएमई, एमएसएमई! बिहार, बिहार, बिहार।’ उनसे पूछा गया कि बजट का उनके लिए क्या मतलब है। बिहार में केंद्र द्वारा वित्तपोषित एक मखाना बोर्ड (देश में नए जमाने के सुपरफूड के उत्पादन में बिहार का योगदान 98 फीसदी है) के जरिये मखाना उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके अलावा राज्य में नए हवाई अड्डों का विस्तार, पटना में आईआईटी का विस्तार, बुद्ध पर्यटन सर्किट को बढ़ावा और मिथिलांचल को किसानों का समर्थन जैसे कुछ बजट उपाय खास तौर पर बिहार के लिए किए गए हैं। इसके लिए किशनगंज के सांसद मोहम्मद जावेद ने काफी जोर लगाया था। बिहार को दिए गए इन उपहारों की आलोचना राज्य का कोई भी सांसद नहीं कर सकता है, मगर विपक्षी खेमों से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी की गई। वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण शुरू करते ही तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर पूरा विपक्ष अघ्यक्ष के आसन के पास पहुंच गया और बाद में सदन से बाहर चले गए।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसकी अगुआई की। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सदन में मौजूद थे। कांग्रेस ने सपा को इससे रोकने की कोशिश नहीं की, क्योंकि अखिलेश यादव और उनके सहयोगियों ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण श्रद्धालुओं की हुई मौत का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस के सांसद भी ‘धर्मविरोधी मोदी सरकार’ का नारा लगा रहे थे लेकिन उन्होंने हंगामे का नेतृत्व नहीं किया बल्कि केवल उसमें भाग ले रहे थे। हालांकि कुछ ही मिनट बाद विपक्ष सदन में लौट आया। इस पर भाजपा सांसदों ने ‘नमस्ते’ बोलकर उनका उपहास उड़ाया। इससे पहले बजट भाषण के दौरान सदन से विपक्ष के बाहर जाने का मामला शायद ही दिखा होगा।