दवा, ऑटोमोबाइल, आईटी क्षेत्र और इंडेक्स की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगुआई में मार्च 2020 के निचले स्तर से बेंचमार्क सूचकांकों एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 में 52 फीसदी उछाल के बाद विश्लेषकों ने अब सुझाव दिया है कि निवेशकों को अपनी रकम साइक्लिकल कंपनियों मसलन बैंक व सीमेंट क्षेत्र में लगानी चाहिए क्योंकि आर्थिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ ली है।
सीएलएसए के निवेश विश्लेषक विकास कुमार जैन ने 16 अक्टूबर के नोट में कहा है, चूंकि बाजार खुद को अर्थव्यवस्था की सामान्य स्थिति के मुताबिक ढाल रहा है, ऐसे में सीएलएसए के विश्लेषकों का मानना है कि प्रमुख देसी क्षेत्र वैश्विक रक्षात्मक क्षेत्र मसलन आईटी व फार्मा के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे।
अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के बड़े असर के बावजूद बाजार में तेजी से सुधार हुआ है, हालांकि वैयक्तिक शेयरों का प्रदर्शन ध्रुवीकृत हुआ है। उदाहरण के लिए कोविड-19 महामारी में प्रतिरोधी रहे क्षेत्र मसलन फार्मा व आईटी बाजार के अगुआ रहे हैं। निफ्टी आईटी व निफ्टी फार्मा सूचकांक मार्च 2020 के अपने-अपने निचले स्तर से क्रमश: 80 फीसदी व 75 फीसदी उछले हैं। यह जानकारी एस इक्विटी के डेटा से मिली। इसकी तुलना में निफ्टी-50 इंडेक्स 52 फीसदी चढ़ा है।
दूसरी ओर निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी बैंक, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी रियल्टी सूचकांकों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है और आंकड़े बताते हैं कि उनमें इस दौरान 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
जैन ने लिखा है, ध्रुवीकरण का मामला इस तथ्य से भी स्पष्ट होता है कि कोविड-19 महामारी से प्रभावित सिर्फ 15 फीसदी शेयर ही कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंचे हैं जबकि कोविड की प्रतिरोधी कंपनियों में से करीब 70 फीसदी कोविड पूर्व की अपनी-अपनी कीमतों के पार निकल गई है।
क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट के विश्लेषकों ने भी निवेश रणनीति पर इसी तरह की राय जाहिर की है और निवेशकों को 12-18 महीने के निवेश नजरिये से निजी बैंकों में अपना निवेश बढ़ाने की सलाह दी है। क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट के भारतीय इक्टिी रिसर्च प्रमुख जितेंद्र गोहिल ने प्रेमल कामदार के साथ 15 अक्टूबर के नोट में लिखा है, आर्थिक बढ़त की रफ्तार ने जोर पकड़ा है और आगामी नतीजे के सीजन में बाजार की व्यापक तेजी की ताकत को और बढ़ाएंगे।
पिछले कुछ महीने से आर्थिक गतिविधियों ने हालांकि जोर पकड़ा है, लेकिन नोमूरा के विश्लेषक त्योहारी सीजन में कोविड-19 के मामलों मे तेजी से बढ़ोतरी के खिलाफ चेताया है। उनका यह भी मानना है कि श्रम बाजार में अंतर्निहित कमजोरी चिंताजनक है क्योंकि यह परिवारों की आय पर लगातार दबाब को प्रतिबिंबित करता है, जो उपभोक्ता मांग को लेकर अल्पावधि का अवरोध हो सकता है। इस पृष्ठभूमि में विश्लेषक हालांकि बाजार की आगे की राह को लेकर तेजी का नजरिया बनाए हुए हैं, लेकिन वे आगे के जोखिमों और बाजार के मौजूदा मूल्यांकन पर भी नजरें बनाए हुए हैं।
क्रेडिट सुइस ने कहा है, मूल्यांकन हालांकि काफी महंगा है लेकिन अमेरिका में राजकोषीय प्रोत्साहन, टीके के विकास की उम्मीद और भारत में आर्थिक गतिविधियों में सुधार से निवेशकों की दिलचस्पी काफी ऊंची रह सकती है।