अगर विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) को जारी करने वाले या प्रमोटर फिर से भुगतान करें, तो इसे खरीदने की मंजूरी दुबारा मिल सकती है।
इसके अलावा इन प्रमोटरों को विदेशी मुद्रा की उधारी के ऐसे भाग के इस्तेमाल की भी मंजूरी मिल सकती है, जो इन्होंने पहले प्रयोग नही किया है। अगर बॉन्ड परिपक्व हो जाता है, तो ऋण प्रतिदान के दबाव को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल फिर से किया जा सकेगा।
मौजूदा निर्देशों के तहत 40 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा ऋण के पुनर्भुगतान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से आदेश लेना होता है। लेकिन किसी बॉन्ड को फिर से खरीदने की अनुमति नहीं है। विदेशी मुद्रा उधारी के बिना इस्तेमाल हुए भाग का फिर से उपयोग पुनर्भुगतान या ऋण आपत्ति के आधार पर भुगतान की अनुमति मौजूदा दिशा-निर्देश में शामिल नहीं है।
इस कदम को उठाने से पहले सरकार रिजर्व बैंक से मशविरा कर रही है। अगर ऐसा हो जाता है, तो विदेशी मुद्रा के बाह्य प्रवाह को कम किया जा सकता है। पहले भी ऋण के इस्तेमाल नहीं हुए भाग के उपयोग का मामला उठा था।
खरीदार या प्रमोटर विदेशी मुद्रा के भुगतान या पुनर्भुगतान को लेकर चिंतित नहीं हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर डॉलर फंड की किल्लत है। एक सूत्र ने बताया कि भारत में विदेशी मुद्रा संग्रह की स्थिति खतरनाक है।
इस तरह का विकल्प बाहरी वाणिज्यिक उधारी के संदर्भ में भी लागू होगा। लेकिन इसके लिए यह शर्त रहेगी कि यह बॉन्ड के रुप में हो। एफसीसीबी अपनी ज्यादा से ज्यादा उगाही बॉन्ड के जरिये करता है, लेकिन अभी इसकी हालत भी मूल्यों में गिरावट की वजह से खस्ता है।
सूत्र बताते हैं कि फिर से खरीदना प्रमोटर के लिए एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसके तहत प्रमोटरों को पूरा कूपन (अंकित मूल्य पर ब्याज) और मूलधन चुकाना होगा, अगर वे बॉन्ड के परिपक्व होने का इंतजार करते हैं। कुछ बड़ी भारतीय कंपनियां भी रिजर्व बैंक से एफसीसीबी के जरिये पुनर्भुगतान की मंजूरी करने का आग्रह कर चुकी है।
भारतीय कंपनियों द्वारा जारी किए गए विदेशी मुद्रा आधारित बॉन्ड अब उभरते बाजारों की परिसंपत्तियों में अंतर को ज्यादा करने वाले स्प्रेड से भरे पड़े हैं। अंतर ज्यादा करने वाले स्प्रेड का मतलब है ब्याज दरों में बढ़ोतरी ताकि बॉन्ड की कीमतों में गिरावट शुरू हो जाए।
स्प्रेड ब्याज दर बेंचमार्क पर दिया गया प्रीमियम है, जो विदेशी मुद्रा उधारी के मामले में लाइबोर- लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट को माना जाता है।
सरकार देगी एफसीसीबी के जरिये पुनर्भुगतान की मंजूरी
रिजर्व बैंक से इस बाबत किया जा रहा है सलाह मशविरा