वैश्विक बाजार में अफरा-तफरी का माहौल के बीच सिटी ग्रुप विश्लेषक पॉल चेनिन का कहना है कि अब तक का यह सबसे बडा संकट है।
लिहाजा अस्थिरता का माहौल भी ऐसा ही रहेगा जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। चेनिन का कहना है कि पूरा विश्व आर्थिक संकट की चपेट में हैं, भारत कोई अपवाद नहीं है।
विदेशी संस्थागत निवेशक जमकर बिकवाली करते आ रहे हैं जिससे कि बाजार में अनिश्चितता के वातावरण को और ज्यादा हवा मिली है। विश्व केबाजारों में गिरावट का दौर जारी है और दुनिया के कुछ बाजारों में तो यह पिछले दो दशकों पीछे के स्तर पर पहुंच गया है।
भारत में बंबई स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क सेंसेक्स में सिर्फ एक सप्ताह में 15.95 प्रतिशत की गिरावट आई है और विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा किए जा रहे उपायों के बावजूद बाजारों में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है और यह सबकी समझ से बाहर है।
इस बाबत भारत में बीएनपी परिबास के उपाध्यक्ष (एडवायजरी) योगेश कलवानी का कहना है कि विश्व में जोखम लेने में आई कमी के कारण इक्विटी एसेट क्लास इतिहास में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा कि क्लाइंटों के बीच इक्विटी को लेकर अविश्वास का माहौल है और यहां तक कि फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट भी इससे अछूता नहीं है। अभी सभी लोगों की प्राथमिकताओं की सूची में जोखिम कम करना और पोर्टफोलियो का रिएलाइंगमेंट करना प्रमुख रूप से शामिल है। योगेश कलवानी ने कहा कि उनकी कंपनी खतरे को कम करने रिव्यू क्लाइंट इन्वेस्टमेंट में व्यस्त है। एक एफआईआई प्रतिनिधि कहा कि ज्यादातर बिकवाली नकारात्क सेंटीमेंट के कारण हुई है।