facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

अभूतपूर्व रहेगी बाजार में इस बार की अस्थिरता : चेनिन

Last Updated- December 07, 2022 | 11:48 PM IST

वैश्विक बाजार में अफरा-तफरी का माहौल के बीच सिटी ग्रुप विश्लेषक पॉल चेनिन का कहना है कि अब तक का यह सबसे बडा संकट है।


लिहाजा अस्थिरता का माहौल भी ऐसा ही रहेगा जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। चेनिन का कहना है कि पूरा विश्व आर्थिक संकट की चपेट में हैं, भारत कोई अपवाद नहीं है।

विदेशी संस्थागत निवेशक जमकर बिकवाली करते आ रहे हैं जिससे कि बाजार में अनिश्चितता के वातावरण को और ज्यादा हवा मिली है। विश्व केबाजारों में गिरावट का दौर जारी है और दुनिया के कुछ बाजारों में तो यह पिछले दो दशकों पीछे के स्तर पर पहुंच गया है।

भारत में बंबई स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क सेंसेक्स में सिर्फ एक सप्ताह में 15.95 प्रतिशत की गिरावट आई है और विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा किए जा रहे उपायों के बावजूद बाजारों में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है और यह सबकी समझ से बाहर है।

इस बाबत भारत में बीएनपी परिबास के उपाध्यक्ष (एडवायजरी) योगेश कलवानी का कहना है कि विश्व में जोखम लेने में आई कमी के कारण इक्विटी एसेट क्लास इतिहास में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।

उन्होंने कहा कि क्लाइंटों के बीच इक्विटी को लेकर अविश्वास का माहौल है और यहां तक कि फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट भी इससे अछूता नहीं है। अभी सभी लोगों की प्राथमिकताओं की सूची में जोखिम कम करना और पोर्टफोलियो का रिएलाइंगमेंट करना प्रमुख रूप से शामिल है। योगेश कलवानी ने कहा कि उनकी कंपनी खतरे को कम करने रिव्यू क्लाइंट इन्वेस्टमेंट में व्यस्त है। एक एफआईआई प्रतिनिधि  कहा कि ज्यादातर बिकवाली नकारात्क सेंटीमेंट के कारण हुई है।

First Published - October 13, 2008 | 11:05 PM IST

संबंधित पोस्ट