अगले कारोबारी साल में भी कंपनियों की बिक्री और शुद्ध मुनाफे में मंदी का दौर रहेगा।
अगले साल कमाई की संभावनाओं पर सिटी ग्रुप और इडलवायस रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से ज्यादातर की बिक्री और शुद्ध मुनाफे में इस साल की अंतिम तिमाही में और गिरावट आ सकती है। चालू वित्त वर्ष के नौ महीनों (दिसंबर 2007 तक) के दौरान सेंसेक्स की इन कंपनियों की बिक्री में 19 फीसदी और शुद्ध मुनाफे में 33 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
हालांकि बैंकिंग और फार्मा सेक्टर की कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है,जबकि पूंजीगत उत्पाद, धातु व पावर सेक्टर की कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। अगर इन कंपनियों का 2007-08 का अर्निंग एस्टिमेट देखें तो इनमें से 26 कंपनियों (3 के आंकड़े नहीं मिले और टाटा स्टील को इससे इसलिए अलग रखा गया, क्योंकि उसके एस्टिमेट में कंपनी कोरस के आंकड़े भी शामिल थे) की बिक्री 18.8 फीसदी और शुद्ध मुनाफा 31.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।
इन कंपनियों का 2008-09 के दौरान प्रदर्शन का अनुमान करें, तो इनकी बिक्री की वृद्धि दर 17.1 फीसदी और शुद्ध मुनाफे की वृद्धि दर में 24.2 फीसदी की गिरावट आ सकती है। सेंसेक्स की कंपनियों के क्षेत्रवार प्रदर्शन की बात करें तो ऑटोमोबाइल, बैंक, पूंजीगत उत्पाद, एफएमसीजी और पावर कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उमीद है। जिनका प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहने की आशंका है, उनमें सॉटवेयर सेवाएं, सीमेंट, धातु और टेलिकॉम सेक्टर शामिल हैं।
सेंसेक्स में शामिल तीन ऑटो कंपनियों की बिक्री 2007-08 में 14.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उमीद है, जबकि 2008-09 में 18.2 फीसदी की दर से बिक्री बढ़ सकती है।