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कोरोना संक्रमण घटा तो बाजार चढ़ा

Last Updated- December 12, 2022 | 4:43 AM IST

बेंचमार्क सूचकांकों में सोमवार को बढ़ोतरी दर्ज हुई क्योंकि पिछले 25 दिन में पहली बार कोविड संक्रमण के मामले तीन लाख से नीचे आने के बाद निवेशकों की धारणा मजबूत हुई। आर्थिक सुधार को लेकर आशावाद से वैश्विक बाजारों में तेजी से भी बढ़त में मदद मिली। इस तेजी ने हालांकि कई लोगों को चौंकाया क्योंकि बढ़ोतरी उस दिन देखने को मिली जब भारत के लिए वित्त वर्ष 2022 के जीडीपी का अनुमान सिटीबैंक ने घटाया। साथ ही मजबूत चक्रवात ने वित्तीय राजधानी मुंबई को नुकसान पहुंचाया है।
बेंचमार्क सेंसेक्स 848 अंक की बढ़ोतरी के साथ 48,581 अंक पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 245 अंक की बढ़त के साथ 14,923 पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों की तरफ से 2,256 करोड़ रुपये की बिकवाली के बावजूद यह बढ़ोतरी देखने को मिली। वहींं देसी निवेशकों ने 1,948 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
सोमवार को कोविड महामारी के नए मामले 1.81 लाख रहे (पिछले 24 घंटे में)। हालाकि कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के कम आंकड़े रविवार को हुए कम जांच के नतीजे हो सकते हैं। दूरदराज के इलाकों में मौत के बढ़ते मामले हालांकि चिंता का विषय बने हुए हैं। महाराष्ट्र, केरल, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने पिछले हफ्ते पाबंदी आगे भी जारी रखने का फैसला लिया।
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, कोविड के मामलों में कमी हमें भरोसा देता है कि कोविड की दूसरी लहर पीछे है और बाजार इसे तत्काल समाहित करना शुरू कर देगा। साथ ही तीन हफ्ते में अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति में आनी शुरू होगी और हम पूरी तिमाही शायद नहीं गंवाएंगे। पिछले दो हफ्ते में कई कंपनियों ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि मांग में मजबूती थी जब कोलि की दूसरी लहर से हमें झटका लगा। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर दूसरी लहर सुस्त रही तो वे मांग में मजबूत वापसी की उम्मीद कर सकते हैं।
सोमवार की बढ़त में बैंंकिंग शेयरों का अहम योगदान रहा और बैंक निफ्टी इंडेक्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कोविड के नए मामलों में कमी से लॉकडाउन में विस्तार को लेकर चिंता कम होगी और वित्त वर्ष 22 के अनुमानों में तेज गिरावट से भी।

अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और ट्रेजरी प्रतिफल में गिरावट से वैश्विक निवेशकों की अवधारणा सकारात्मक बनी रही।

देसी इक्विटी में फिर से दिलचस्पी हफ्तों तक चले झंझावात के बाद देखने को मिली। जब निवेशकों ने महंगाई के डर से जोखिम वाली परिसंपत्तियों से रकम निकालेंगे तो यह केंद्रीय बैंकों को समय से पहले आसान मुद्रा की नीति को सख्त बनाने के लिए बाध्य करेगा। इसके अलावा इस साल जल्द मॉनसून के आने से भी निवेशकों के चेहरे खिले हैं।
मुखर्जी ने कहा, ग्रामीण भारत को लगातार दो साल अच्छे मॉनसून से फायदा मिला है और इस साल भी मॉनसुन बेहतर रहेगा, जिससे उपभोग के इंजन को मदद मिलेगी। हमने एफएमसीजी व वाहन क्षेत्र में पहले ही अच्छी मांग देखी है। बीएसई में सोमवार को 290 शेयरों ने 52 हफ्ते के उच्चस्तर को छू लिया जबकि 495 शेयर अपर सर्किट में रहे। बाजार में चढऩे वाले व गिरने वालों का अनुपात सकारात्मक रहा।
बैंंकिंग शेयरों ने सेंसेक्स में सबसे ज्यादा योगदान किया। इंडसइंड बैंक का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा और उसमें 7.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। एसबीआई 6 फीसदी चढ़ा जबकि आईसीआईसीआई बैंक व एचडीएफसी बैंक में क्रमश: 4.4 फीसदी व 3.8 फीसदी का इजाफा हुआ।

First Published - May 18, 2021 | 12:07 AM IST

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