प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया। उन्होंने मिजोरम की पहली रेल लाइन का उद्घाटन किया। साथ ही, दिल्ली से आइजोल को जोड़ने वाली पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह रेल लाइन बैरबी-सैरंग के बीच बनी है। इसकी लागत 8,070 करोड़ रुपये है। यह भारतीय रेलवे के सबसे मुश्किल प्रोजेक्ट्स में से एक है। इसका काम 2008-09 में मंजूर हुआ था और निर्माण 2015 में शुरू हुआ।
यह रेल लाइन 51 किलोमीटर लंबी है। इसमें 45 सुरंगें, 55 बड़े और 87 छोटे पुल हैं। सैरंग के पास बना ब्रिज नंबर 144 खास है। यह 114 मीटर ऊंचा है और भारत का सबसे ऊंचा पियर रेलवे ब्रिज है। यह दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा है। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस रेल लाइन में पांच रोड ओवरब्रिज और छह अंडरपास भी हैं। रास्ते में चार मुख्य स्टेशन हैं- होर्तोकी, कौनपुई, मुअलखंग और सैरंग। बैरबी भी इसका हिस्सा है।
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इस रेल लाइन से मिजोरम का देश के बाकी हिस्सों से सीधा रेल संपर्क हो गया है। इससे लोगों को सुरक्षित और सस्ता सफर करने का मौका मिलेगा। पीएमओ के मुताबिक, यह रेल लाइन खाद्यान्न, उर्वरक और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति को आसान बनाएगी। इससे माल ढुलाई में तेजी आएगी और इलाके की पहुंच बढ़ेगी। अधिकारियों का कहना है कि यह रेल लाइन सफर का समय कम करेगी। साथ ही, पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा देगी। मिजोरम के लोगों की यह पुरानी मांग थी, जो अब पूरी हुई है।
खराब मौसम की वजह से पीएम मोदी आइजोल नहीं पहुंच सके। उन्होंने लेंगपुई हवाई अड्डे से ही इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “आज से आइजोल भारत के रेल नक्शे पर आ गया है। कुछ साल पहले मैंने इस रेल लाइन की आधारशिला रखी थी। आज इसे देश को समर्पित करते हुए गर्व हो रहा है।” उन्होंने इंजीनियरों और मजदूरों की मेहनत की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मुश्किल भूभाग के बावजूद यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ। अब सैरंग दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस के जरिए सीधे जुड़ेगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि यह रेल लाइन सिर्फ कनेक्शन नहीं है। यह मिजोरम के लोगों के लिए एक नई जिंदगी की तरह है। इससे किसानों और कारोबारियों को नए बाजार मिलेंगे। उन्होंने कहा, “पहले कुछ राजनीतिक दल सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करते थे। पूर्वोत्तर जैसे इलाकों को नजरअंदाज किया जाता था। हमारी सरकार का नजरिया अलग है। जो पहले हाशिए पर थे, वे अब विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मिजोरम अब भारत के विकास की कहानी का हिस्सा है।”
राजधानी एक्सप्रेस के अलावा, पीएम ने दो और नई एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। ये हैं- सैरंग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरंग-कोलकाता एक्सप्रेस। इसके साथ ही, उन्होंने कई अन्य प्रोजेक्ट्स की आधारशिला भी रखी। इनमें शामिल हैं:
– आइजोल बायपास रोड: 45 किलोमीटर लंबा यह रास्ता 500 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। यह पीएम-देवाइन योजना का हिस्सा है। इससे शहर की भीड़ कम होगी और लुंगलेई, सियाहा, लॉन्गत्लाई, लेंगपुई हवाई अड्डे और सैरंग रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
– थेंजावल-सियालसुक रोड: यह रोड बागवानी किसानों, ड्रैगन फ्रूट उत्पादकों, धान और अदरक की खेती करने वालों को फायदा पहुंचाएगा।
– खानकॉन-रोंगुरा रोड: सर्चिप जिले में यह रोड बाजार तक पहुंच आसान करेगा। इससे अदरक प्रसंस्करण संयंत्र को भी मदद मिलेगी।
– अन्य प्रोजेक्ट्स: लॉन्गत्लाई-सियाहा रोड पर छिमतुईपुई पुल, खेलो इंडिया मल्टीपर्पस इंडोर हॉल, मुअलखंग में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, कवरथाह में आवासीय स्कूल और त्लांगनुआम में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल।
इन प्रोजेक्ट्स से मिजोरम में बुनियादी ढांचे, खेल और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। यह राज्य के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।