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चौतरफा मायूसी से लुढ़का बाजार

Last Updated- December 11, 2022 | 9:27 PM IST

बाजार में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से चल रही तेजी आज थम गई। चार सत्रों में 4 फीसदी उछला बाजार और ऊपर नहीं जा सका और लुढ़क गया। दुनिया की दिग्गज तकनीकी कंपनियों की उम्मीद से कम कमाई, रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने की आशंका के बीच निवेशकों ने भारतीय बाजारों में जमकर बिकवाली की।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक 770 अंक (1.3 प्रतिशत) लुढ़ककर 58,788 पर बंद हुआ। नैशलन स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 220 अंक (1.2 प्रतिशत) फिसल गया और 17,560 पर बंद हुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने आज 1,600 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। उनकी देखादेखी देसी संस्थागत निवेशकों ने भी 370 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली कर डाली। पिछले तीन कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने बिकवाली रोक दी थी और बजट में नई घोषणाओं की उम्मीदों पर सेंसेक्स कुल 2,358 अंक (4.1) प्रतिशत चढ़ा था। पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी के बजट प्रस्ताव के बाद अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार और कंपनियों की आय में इजाफे की गुंजाइश बढ़ गई।
मगर फेसबुक की नियंत्रक मेटा प्लेटफॉम्र्स की कमाई आय अनुमानों से कम रहने से निवेशकों का ध्यान बंट गया। मेटा और स्पॉटिफाई जैसी कंपनियों के खराब प्रदर्शन से निवेशकों को निराशा हाथ लगी। निवेशकों को लग रहा था कि कंपनियों की कमाई बढऩे से उन्हें तेजी से बढ़ती महंगाई और मौद्रिक दरों में बढ़ोतरी से होने वाले नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
बाजार में कारोबार अचानक सुस्त पडऩे पर एवेंडस कैपिटल मार्केट अल्टरनेट स्ट्रैटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्र्यू हॉलेंड ने कहा, ‘बाजार की नजर एक बार फिर वैश्विक घटनाक्रम पर टिक गई है। यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) और बैंक ऑफ इंगलैंड (बीओई) की बैठकों के बाद अमेरिकी शेयर बाजार नैसडैक भी कमजोर रहा।’ भारतीय कारोबारी घंटे के दौरान यूरोपीय बाजारों में कारोबार कमजोर रहा और उनका ध्यान अपने देशों के केंद्रीय बैंकों की घोषणाओं पर टिका रहा। बीओई ने शुक्रवार को फिर ब्याज दरें बढ़ा दीं जबकि ईसीबी ने तेजी से चढ़ती महंगाई के बावजूद ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
जनवरी में भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में नरमी भी निवेशकों के उत्साह पर पानी फेर गई। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार में निवेशकों का ध्यान बजट से छिटककर ब्याज दर और महंगाई की तरफ चला गया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेस में प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘निवेशक अमेरिका में श्रम विभाग के आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहा है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा पर भी सभी की नजरें होंगी। दिसंबर तिमाही में कमाई के आंकड़े अब तक ठीक रहे हैं और ज्यादातर कंपनियों के प्रबंधनों के अनुसार मार्च तिमाही में आंकड़े मजबूत रहेंगे। कुल मिलाकर बाजार को लेकर हम अब भी सकारात्मक हैं।’
रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच पूर्वी यूरोप में अतिरिक्त सैनिक तैनात करने के अमेरिका के निर्णय से भी माहौल बिगड़ गया है।

First Published - February 3, 2022 | 10:57 PM IST

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