भले ही अच्छे मॉनसून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में मदद मिलती हो, लेकिन बारिश का पिछले समय में संपूर्ण बाजार प्रदर्शन के साथ विपरीत संबंध रहा है। अच्छे मॉनसून वाले वर्षों में बाजार में अक्सर कम प्रतिफल देखने को मिला है।
कैलेंडर वर्ष के बाजार प्रतिफल के साथ मॉनसून के आंकड़े का विश्लेषण करने से -0.27 प्रतिशत के सह-संबंध का पता चलता है। यह सह-संबंध तब देखने को मिलता है जब दो परिवर्तन एक ही दिशा में होते हैं। जब ये विपरीत दिशा में होते हैं तो सह-संबंध माइनस (-) में पहुंच जाता है।
आंकड़े में जून और सितंबर के बीच की मॉनसून बारिश पर ध्यान दिया गया है। इसमें 2014 और 2015 में दीर्घावधि औसत के 10 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गई। वहीं बीएसई का सेंसेक्स कैलेंडर वर्ष 2014 में 29.89 प्रतिशत तक बढ़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में भारी बहुमत से सरकार बनाई थी। शेयर बाजार आर्थिक सुधार की उम्मीद में थे। अगले साल इनमें 5.03 प्रतिशत की कमी आई।
शेयर बाजार 2020 में अब तक 6.61 प्रतिशत गिर चुका है। कोविड-19 महामारी का सूचीबद्घ कंपनियों और अर्थव्यवस्था, दोनों पर प्रभाव पड़ रहा है। वैश्विक वित्तीय सेवा समूह बोफा सिक्योरिटीज के भारतीय अर्थशास्त्रियों इंद्रनील सेन गुप्ता और आस्था गुडवानी द्वारा मिलकर तैयार की गई 14 अगस्त की रिपोर्ट इंडिया इकोनोमिक वॉच के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में जून में समाप्त तीन महीने की अवधि में 20 प्रतिशत और मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 6 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारे इंडिया ऐक्टीविटी इंडिकेटर से भी जून में बड़े स्तर पर दबाव का संकेत मिलता है।’
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा काफी कम ब्याज दरों पर पूंजी उपलब्ध कराए जाने से शेयर बाजारों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिली है। कई विदेशी निवेशक कम ब्याज दरों पर उधार लेते हैं और उसे शेयर बाजार जैसी ज्यादा प्रतिफल वाली परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं।
अच्छे मॉनसून से कुछ कंपनियों को दूसरों के मुकाबले ज्यादा मदद मिलने की संभावना है। घरेलू वित्तीय सेवा फर्म एडलवाइस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों रोहन गुप्ता, निहाल महेश झाम और भारत गुप्ता द्वारा तैयार की गई 18 अगस्त की रिपोर्ट ‘एग्री इनपुट्स’ में कहा गया है कि अनुकूल मॉनसून और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सरकारी समर्थन उन कारणों में शुमार हैं जिनकी वजह से कीटनाशक और उर्वरक निर्माता कंपनियों समेत कृषि रसायन कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सभी जलाशयों में अच्छे जल स्तर की वजह से खरीफ सीजन की जल्द शुरुआत होने के साथ साथ मॉनसून में सुधार से भी घरेलू कृषि रसायन कंपनियों को शानदार प्रदर्शन करने में मदद मिली है।’
