शेयर बाजार में आई मंदी स्टॉक्स के वैल्युएशंस घटाने के साथ साथ शेयर बाजार का वेटेड पीई रेशियो
किसी भी स्टॉक का पीई ये दर्शाता है कि निवेशक उस स्टॉक की कितनी कीमत देना चाहते हैं। अगर किसी स्टॉक का पीई
20 है तो इसका सीधा सा मतलब है कि निवेशक उस कंपनी की एक रुपए की कमाई के बदले उसके स्टॉक के लिए 20 रुपए देने को तैयार हैं। किसी भी कंपनी के ज्यादा पीई का मतलब है कि निवेशक भविष्य में कंपनी की कमाई के प्रति ज्यादा आश्वस्त हैं। हालांकि किसी भी कंपनी के स्टॉक को आंकने के लिए केवल यह तरीका पर्याप्त नहीं है। लिहाजा पीई 28 से गिरकर 19 पर आने का अर्थ यही हुआ कि निवेशक जिस चीज के लिए 28 रुपए देने को तैयार थे, अब वो उसी चीज के लिए केवल 19 रुपए देना चाहते हैं।पीई में ये गिरावट अमेरिका में चल रहे कर्ज के संकट के अलावा पूरी दुनिया में फैल रही मंदी ही इसकी प्रमुख वजह है। बाजार का मौजूदा वेटेड पीई
2060 कंपनियों के आंकड़ों के आधार पर निकाला गया है। इसके लिए दिसंबर 2007 को खत्म हुए 12 महीनों का शुध्द लाभ लिया गया है। जनवरी 8 का पीई सितंबर 2007 को खत्म हुए 12 महीनों के शुध्द लाभ को आधार बना कर निकाला गया है। मौजूदा पीई निकालने के लिए 2060 कंपनियों मार्केट कैप को उनके शुध्द लाभ से भाग देकर निकाला गया है।अगर ये मान लिया जाए कि कारोबारी साल
2009 में कंपनियों का लाभ 15-20 फीसदी तक बढ़ेगा तो इस लिहाज से मौजूदा वैल्युएशंस पर सेंसेक्स का फार्वर्ड पीई 17-17.8 रहेगा जबकि बाजार का पीई 15.5-16 मल्टिपल का रहेगा। ए ग्रुप के शेयरों का पीई इन दो महीनों में 28.3 से गिरकर 19 पर आया है जबकि ग्रुप बी और एस के शेयरों का पीई इस दौरान 23.6 से घटकर 15 पर आ गया है। शेयर बाजार का पीई गिरने के बावजूद करीब 650 शेयर ऐसे भी हैं जो अपने औसत पीई से ज्यादा कीमत पर कारोबार कर रहे हैं।जबकि
1463 शेयर ऐसे हैं जो औसत पीई से भी कम पर बल्कि कहा जाए दस या उससे भी नीचे के मल्टिपल्स पर कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स के स्टॉक्स की बात करें तो एल ऐंड टी 41.4 के पीई पर कारोबार कर रहा है (8 जनवरी को इसका पीई 71 था) जबकि रिलायंस कम्युनिकेशन करीब 36.2 के पीई पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट में हालांकि एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, डीएलएफ, बीएचईएल और रिलायंस एनर्जी जनवरी 8 की ऊंचाई से करीब 25-30 फीसदी गिर चुके हैं लेकिन इसके बावजूद इन कंपनियों का पीई 25-30 के बीच चल रहा है।