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टीके की मंजूरी से बाजार में जोश

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:57 AM IST

मंगलवार को शेयर बाजारों ने मजबूती के साथ वापसी की क्योंंकि केंद्र सरकार की तरफ से विदेश में बने कोविड-19 के टीके को मंजूरी दिए जाने से निवेशकों की अवधारणा पर असर पड़ा। सेंसेक्स 660 अंक यानी 1.4 फीसदी चढ़कर 48,544 अंक पर बंद हुआ जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स 194 अंक यानी 1.4 फीसदी के इजाफे के साथ 14,505 अंक पर बंद हुआ।
पिछले कारोबारी सत्र में दोनों सूचकांक 3.5-3.5 फीसदी टूटकर जनवरी के आखिर के निचले स्तर पर आ गए थे क्योंकि कोविड-19 के संक्रमण का मामला बढ़ रहा है और लॉकडाउन लगाए जाने से आर्थिक सुधार की उम्मीद पर संदेह के बादल छाने लगे।
विशेषज्ञों ने कहा कि दूसरे देशोंं की तरह विदेश मेंं बने टीके को तेज गति से केंद्र की तरफ से मंजूरी दिए जाने की खबर से बाजार में जोश आ गया। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, विदेश में उत्पादित कोविड-19 के टीके को तेज गति से मंजूरी वाली खबर से अवधारणा मजबूत हुई। उन्होंने कहा, हमें लगता है कि उतारचढ़ाव तब तक जारी रहेगा जब तक कि लॉकडाउन की स्थिति और टीके की उपलब्धता को लेकर स्पष्टता नहीं होती है। आय का सीजन आगे और अस्थिरता बढ़ाएगा, ऐसे में हम निवेशकों को शेयर विशेष की ट्रेडिंग का तरीका अपनाने का सुझाव दे रहे हैं।
वित्तीय, ऑटोमोबाइल और धातु क्षेत्र के शेयरों में ठोस वापसी हुई। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का शेयर 8 फीसदी चढ़ा जबकि बजाज फिनसर्व और मारुति सुजूकी के शेयरोंं में करीब 5 फीसदी की उछाल आई। आईटी व फार्मा शेयर सबसे ज्यादा नुकसान वाले शेयरोंं में शामिल रहे और टीसीएस का शेयर मार्च तिमाही के नतीजे का ऐलान करने के एक दिन बाद 4.2 फीसदी टूट गया। डॉ. रेड्डीज का शेयर 4.2 फीसदी फिसला।
भारत अब तक अपनी आबादी के एक छोटे हिस्से का ही टीकाकरण कर पाया है और टीके की किल्लत का सामना कर रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि तेज गति से मंजूरी दिए जाने से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ेगी और कोविड के प्रसार पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। विश्लेषकों का मानना है कि अल्पावधि में बाजार में और तकलीफ देखने को मिल सकती है, लेकिन मध्यम अवधि के लिहाज से हालात बेहतर हैं। कोटक इंस्टिट््यूशनल इक्विटीज की रणनीति में कहा गया है, हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजार गिरावट से बाहर निकलेगा क्योंकि महामारी के बाद की रिवकरी और मध्यम अवधि के परिदृश्य से आगे बाजार दिख रहा है। साथ ही बॉन्ड का प्रतिफल भी सहारा दे रहा है।
सेंसेक्स अभी अपने सर्वोच्च स्तर से 7 फीसदी नीचे है, जहां वह फरवरी के मध्य में पहुंचा था। गिरावट ने मूल्यांकन को और सही स्तर पर ला दिया है। हालांकि विश्लेषक ताजा लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में वित्त वर्ष 22 की आय के अनुमान मेंं कमी ला सकते हैं।

First Published : April 13, 2021 | 11:35 PM IST