facebookmetapixel
19 साल की सत्ता का राज! हर चुनाव में क्या नई चाल चलते थे नीतीश कुमार?12 महीने में पैसा डबल! Q2 रिजल्ट के बाद कंज्यूमर स्टॉक पर ब्रोकरेज लट्टू, Q2 में 190% बढ़ा मुनाफाMaithili Thakur: बिहार को मिलने वाली है सबसे कम उम्र की विधायक! देखिए पहले किसने बनाया था ये रिकॉर्डमोतीलाल ओसवाल ने इस डिफेंस शेयर पर लगाया बड़ा दांव, 32% रिटर्न का अनुमानMRF Q2FY26 results: मुनाफा 12% तक बढ़ा, ₹3 के अंतरिम डिविडेंड का किया ऐलानथोक से खुदरा तक तेजी से गिरी महंगाई दर – आखिर क्या हुआ अक्टूबर में?आंध्र प्रदेश में 10 साल में ₹1 लाख करोड़ का निवेश करेगा अदाणी ग्रुप: करण अदाणीCapillary Technologies IPO: सॉफ्टवेयर कंपनी का आईपीओ खुला, अप्लाई करना ठीक रहेगा या करें अवॉइड ?Tata Steel के Q2 रिजल्ट के बाद ब्रोकरेज एक्टिव; मोतीलाल ओसवाल ने ₹210 का अपसाइड टारगेट दियाInfosys के ₹18,000 करोड़ के ‘बायबैक’ की रिकॉर्ड डेट आज: जानें निवेशक कब कर पाएंगे शेयर टेंडर

निवेश का माहौल बिगाड़ सकते हैं आतंकी हमले

Last Updated- December 08, 2022 | 5:47 AM IST

भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई पर हुए आतंकी हमले ने निवेश के लिए माकूल जगह वाली भारत की तस्वीर को एक और झटका दिया है।


लेकिन भारत के आकार और इसकी ग्रोथ को देखते हुए लंबी अवधि में भारत के प्रति आकर्षण बना रहेगा। वैश्विक मंदी के माहौल में भारतीय बाजार से पहले ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपना एक्सपोजर घटा दिया है जिसके चलते साल की शुरुआत में छलांगे लगा रहा शेयर बाजार पिछले दस-ग्यारह महीनों में ही 55 फीसदी लुढ़क गया है।

तरलता की तंगी, रुपये की गिरावट और धीमे विकास ने इसे और मंदा बना दिया। बुधवार की रात दो लक्जरी होटलों समेत मुंबई पर हुए हमलों ने यह भी संकेत दिया है कि भारत में लालफीताशाही और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के अलावा आतंक या कहा जाए सुरक्षा भी एक बडा जोखिम है।

सिंगापुर के प्रूडेंशियल असेट मैनेजमेंट के सीआईओ आशीष गोयल के मुताबिक कम से कम थोड़े समय के लिए यह ऐसे बाजारों में निवेश के जोखिम को रेखांकित करता है जहां किसी न किसी तरह की अस्थिरता है। दूसरे, उभरते और विकासशील बाजारों की तरह भारत आतंकी हमलों से पहले भी बखूबी निपटा है और जल्द से जल्द वापस पटरी पर आया है।

गोयल के  मुताबिक लंबी अवधि में भारत की तस्वीर तभी बदल सकती है जब ताजा हमला यहां के कारोबार पर असर डाले और अर्थव्यवस्था की गति धीमा करे और विदेशी फर्मों को इससे दूर रखे। उन्होंने कहा कि  ताजा हमला सुरक्षा की लागत बढ़ा सकता है, कारोबार करने की लागत भी बढ़ा सकता है और यह सकारात्मक नहीं होगा लेकिन इससे फंडामेंटली भारत में निवेश के जोखिम पर असर नहीं पड़ेगा।

मूडीज इकोनॉमी डॉट कॉम के एसोसिएट अर्थशास्त्री निखिलेश भट्टाचार्य के मुताबिक ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब केंद्रीय बैंक रुपए की गिरावट और कर्ज बाजार के संकट से जूझ रहा है, जाहिर है ऐसे में पूंजी का आउटफ्लो पहले से ज्यादा असर डालेगा हालांकि इतिहास यही कहता है कि मुंबई पर हुए हमलों की प्रतिक्रिया हमेशा अस्थाई ही रही है।

जेएफ असेट मैनेजमेंट के इन्वेस्टर कम्युनिकेशंस के हेड डेनियल चुई के मुताबिक हमें नहीं लगता कि इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर तत्काल कोई असर होगा हालांकि लंबी अवधि में विदेशी निवेश आकर्षित करना थोडा और मुश्किल होगा।

इस बीच वाणिज्य मंत्री कमल नाथ ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि ताजा हमलों से निवेश की रफ्तार धीमी नहीं पडेग़ी और इसका कोई आर्थिक असर नहीं होगा।

यूरोपीय संसद के सदस्य जेन मैसियल, जो एक ट्रेड डेलिगेशन के साथ मुंबई आए हुए थे और ताज में ही ठहरे थे लेकिन उस समय बाहर थे, ने कहा कि इससे निवेश के लिए भारत की छवि में कोई बदलाव नहीं आएगा और वे इसे असुरक्षित जगह भी नहीं मानते।

कई और निवेशकों का मानना है कि हमलों के शुरुआती झटके के बाद भारत की अर्थव्यवस्था के आधारभूत तत्वों की बात फिर होगी।

First Published - November 27, 2008 | 10:48 PM IST

संबंधित पोस्ट