आयकर विभाग नए ई-फाइलिंग पोर्टल को स्टॉक एक्सचेंजों के साथ जोडऩे पर काम कर रहा है। इससे कर अधिकारियों को प्रत्येक स्थायी खाता संख्या (पैन) के वायदा और विकल्प सहित सभी तरह के सौदों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने कहा कि एकीकृत प्रणाली में करदाता द्वारा दी गई जानकारी और स्टॉक एक्सचेंज से मिली जानकारी का मिलान कृत्रिम मेधा के जरिये किया जाएगा तथा देखा जाएगा कि उसमें कोई बेमेल तो नहीं है।
इससे विभाग को किसी भी गड़बड़ी का पता लगाने और आयकर रिटर्न दाखिल नहीं होने पर चेतावनी जारी करने में मदद मिलेगी। विभाग चालू वित्त वर्ष में इस एकीकरण को पूरा करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। यह कदम तब उठाया जा रहा है, जब शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के नकद खंड में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020 के 39 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 45 फीसदी हो गई है।
एकीकरण के बाद पोर्टल अपने आप पैन के आधार पर एक्सचेंज पर कारोबार और संबंधित रिटर्न के आंकड़ों की तुलना करने में सक्षम होगा। कर अधिकारी इसी के हिसाब से जानकारी टटोलेंगे और जरूरत पडऩे पर संबंधित मामलों की आगे जांच करेंगे। शेयर हस्तांतरण करने वाले एजेंट, मध्यस्थ आदि के लिए पोर्टल को डिपॉजिटरी, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और रजिस्ट्रार के डेटाबेस से भी जोड़ा जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया, ‘जानकारी के स्वत: आदान-प्रदान या वास्तविक समय में या पूरी तरह एक-दूसरे के डेटाबेस को एकीकृत करने पर चर्चा की जा रही है। इससे कर अधिकारियों को डेटा का तत्काल मिलान करने में मदद मिलेगी और उसे एक्सचेंज तथा अन्य प्रतिभागियों द्वारा वित्तीय लेनदेन के निपटान (एसएफटी) दाखिल करने का इंतजार नहीं करना होगा।’ एसएफटी के तहत संबंधित व्यक्ति या इकाइयों को कर विभाग के समक्ष वित्तीय लेनदेन की जानकारी देनी होती है। पहले कर अधिकारी चुनिंदा मामलों में सेबी से जानकारी मांगते थे। व्यक्तिगत मामलों में केवल संदिग्ध लेनदेन की ही जांच की जाती थी। लेकिन पोर्टल की पहुंच बाजार की सभी इकाइयों के डेटा तक होगी।