मजबूत समझी जाने वाली जून तिमाही में आईटी सेवा क्षेत्र को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शानदार प्रदर्शन दर्ज करने में मदद मिलेगी। इसकी वजह यह भी है कि दूसरी लहर का प्रभाव भी घट रहा है।
हालांकि ध्यान दिए जाने के संदर्भ में मुख्य कारक एट्रीशन दर और मार्जिन होंगे, क्योंकि वेतन वृद्घि से इन पर प्रभाव पड़ेगा।
विश्लेषकों को तिमाही के लिए वृद्घि मजबूत रहने की संभावना है, क्योंकि बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई), रिटेल, निर्माण, हाई-टेक और लाइफ साइंस से राजस्व वृद्घि में मदद मिल रही है।
विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों के विश्लेषक 1.5 प्रतिशत से लेकर 4.5 प्रतिशत के दायरे में राजस्व वृद्घि का अनुमान जता रहे हैं। बेंगलूरु में मुख्यालय वाली आईटी सेवा कंपनी विप्रो का प्रदर्शन सामान्य से अलग रह सकता है, क्योंकि कैपको के समावेश कल वजह से उसकी तिमाही आधार पर वृद्घि 9-9.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।
मांग ऑफशोरिंग और विक्रेता समेकन अवसरों में वृद्घि पर भी केंद्रित है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के कवलजीत सलूजा और सतीशकुमार एस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘टीकाकरण अभियान तेज होने से विकसित अर्थव्यवस्थाओं के खुलने की वजह से खर्च में सुधार को बढ़ावा मिलेगा, खासकर यात्रा और निर्माण जैसे प्रभावित वर्टिकलों में तेजी दिखेगी। मजबूत मांग डिजिटलीकरण, क्लाउड के चयन और व्यावसायिक बदलाव से संबंधित बढ़ते खर्च पर केंद्रित है। हमारा मानना है कि मांग संबंधित ये कारक अगले 2-3 वर्षों के लिए मजबूत बने रहेंगे। अच्छी मांग से वित्त वर्ष 2022 में भारतीय आईटी निर्यात में दो अंक की वृद्घि को बढ़ावा मिल सकता है और उसके बाद के वर्षों में यह दो अंक पर बनी रह सकती है।’
एक्सेंचर के ताजा तिमाही परिणाम से भी आउटसोर्सिंग कार्य के लिए मांग में तेजी का संकेत मिलता है और यही वजह है कि कंपनी ने अपने राजस्व अनुमान में भी संशोधन किया है। कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2021 के वृद्घि अनुमानों को भी बढ़ाकर 10-11 प्रतिशत कर दिया है। कंपनी जनवरी से दिसंबर के वित्त वर्ष पर अमल करती है। यह अनुमान पिछली तिमाही में कंपनी द्वारा जताए गए 6.5 और 8.5 प्रतिशत से ज्यादा है। जून तिमाही के लिए नई बुकिंग 15.4 अरब डॉलर और इसमें 39 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। वहीं कंसल्टिंग बुकिंग 8 अरब डॉलर और आउटसोर्सिंग बुकिंग 7.4 अरब डॉलर पर रही।
वृद्घि के वाहक मजबूत हैं और ध्यान दिए जाने के संदर्भ में मुख्य क्षेत्र एट्रीशन, आपूर्ति संबंधित मांग और इसके प्रबंधन के लिए कंपनियों की क्षमता है।
विश्लेषकों को मार्जिन प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि कई टियर-1 कंपनियों ने दूसरी वेतन वृद्घि की घोषणा की है।
मुकुल गर्ग और अनमोल गर्ग द्वारा तैयार मोतीलाल ओसवाल रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दूसरी वेतन वृद्घि और नियुक्तियों में तेजी की वजह से कई आईटी कंपनियों के मार्जिन में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। उन्हें लार्ज/मिड-कैप आइ्रटी कंपनियों के लिए वेतन वृद्घि 100-350 आधार अंक के दायरे में रहने की संभावना है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) को लार्ज-कैप आईटी कंपनियों के लिए 60 आधार अंक की तिमाही आधार पर एबिटा मार्जिन वृद्घि का अनुमान है। मिड-कैप श्रेणी में 110 आधार अंक की कमजोरी देखी जा सकती है।’
अच्छी मांग और आपूर्ति संबंधित समस्याएं बरकरार रहने की संभावना को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि मुख्य कारक एट्रीशन दर, मार्जिन में बदलाव और सौदा प्रवाह होंगे। हालांकि पिछली तिमाही में मजबूत सौदा प्रवाह दर्ज किया गया था, लेकिन इस तिमाही में कोई बड़ा सौदा मुश्किल से ही दिखा है।