डिक्सन टेक्नोलॉजिज (इंडिया) की अगुआई में सूचीबद्ध इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा (ईएमएस) कंपनियों के शेयरों ने शुक्रवार की ट्रेडिंग में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की। इस क्षेत्र की दो सबसे बड़ी कंपनियों डिक्सन और अंबर एंटरप्राइजेज इंडिया के शेयरों में क्रमश: 8 फीसदी व 2.7 फीसदी की उछाल आई, वहीं अन्य कंपनियों ने भी हरे निशान के साथ कारोबार की समाप्ति की।
डिक्सन की तरफ से सेलफोन विनिर्माण संयंत्र शुरू किए जाने और मजबूत परिदृश्य ने इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक धारण तैयार की थी। रिटर्न के मोर्चे पर डिक्सन और केन्स टेक्नोलॉजी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली फर्में रही हैं और पिछले तीन महीने में इनमें 17 से 22 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस क्षेत्र के अन्य शेयरों का रिटर्न इस अवधि में सामान्य रहा है।
परिदृश्य हालांकि मजबूत बना हुआ है पर 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में प्रमुख कंपनियों का परिचालन के मोर्चे पर प्रदर्शन औसत से कम रहा है। राजस्व में वृद्धि हालांकि मजबूत रही, पर उच्च लागत के कारण मार्जिन प्रभावित हुआ। इस क्षेत्र की कंपनियों ने एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले राजस्व में 28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जबकि क्रमिक आधार पर इसमें 17 फीसदी का इजाफा हुआ।
साइंट डीएलएम (डिजायन की अगुआई में विनिर्माण) सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी, केन्स और डिक्सन राजस्व में वृद्धि के मोर्चे पर सबसे ऊपर रहीं, वहीं एलिन इलेक्ट्रॉनिक्स और एवलॉन टेक्नोलॉजिज पिछड़ गईं। केन्स व सिरमा ने तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा ऑर्डर दर्ज किया और उनमें एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 2.2-2.4 गुना तक की वृद्धि हुई। राजस्व हालांकि मजबूत था, पर परिचालन के प्रदर्शन के मामले में ये चीजें प्रतिबिंबित नहीं हुई।
आशिष पोद्दार की अगुआई में सिस्टमैटिक्स रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा, बिक्री में खासी बढ़त के बावजूद कंपनियों का मार्जिन नहीं बढ़ा क्योंकि कच्चे माल की लागत व अन्य खर्चे ज्यादा रहे। कार्यशील पूंजी का चक्र भी फैला रहा और इसमें जनवरी-मार्च तिमाही के आखिर में कमी आ सकती है।
जिन प्रमुख कंपनियों ने मार्जिन पर दबाव का सामना किया उनमें साइंट और एवलॉन शामिल हैं और आधार तिमाही में कच्चे माल की कम लागत व प्रतिकूल ऑपरेटिंग लिवरेज के कारण इन्होंने मार्जिन में 580 आधार अंक व 540 आधार अंक की कमी दर्ज की। डेटा पैटर्न्स (इंडिया) ने सालाना आधार पर मार्जिन में सबसे ज्यादा 340 आधार अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की।
ब्रोकरेज कंपनियां हालांकि उम्मीद कर रही हैं कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सुधार होगा। सुमंत कुमार की अगुआई में मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा, वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही में (सीजन के लिहाज से बेहतर) बड़े ऑर्डर के मजबूत क्रियान्वयन और मौजूदा व नए उद्योगों से ऑर्डर का प्रवाह जारी रहने के कारण वृद्धि की रफ्तार जोर पकड़ने की उम्मीद है। उच्च कीमत वाले उत्पादों के मिश्रण में सुधार और उच्च मार्जिन वाले उद्योगों से बढ़े ऑर्डर से उसके कवरेज वाली कंपनियों के राजस्व में वित्त वर्ष 23 से वित्त वर्ष 26 के बीच सालाना 38 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
ब्रोकरेज ने कहा, इस अवधि में परिचालन लाभ में 40 फीसदी का सुधार होगा, वहीं परिचालन लाभ मार्जिन 14 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है। ब्रोकरेज ने केन्स, एवलॉन, साइंट और सिरमा को खरीद की रेटिंग दी है।
सिस्टमैटिक्स रिसर्च भी इस उद्योग पर ढांचागत तौर पर सकारात्मक बनी हुई है। मिले-जुले दूसरी तिमाही के बावजूद वृद्धि परिदृश्य के मोर्चे पर कंपनियों का नजरिया तेजी का बना हुआ है। सरकार की मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड पहल के विभिन्न योजनाओं व प्रोत्साहनों का समर्थन मिला हुआ है और इसने चीन के वैकल्पिक विनिर्माता के तौर पर भारत की बढ़ती स्वीकार्यता को बल दिया है।
ब्रोकरेज ने कहा, आयात का प्रतिस्थापन और देसी बाजार में भारत का बढ़ता प्रसार भारतीय ईएमएस उद्योग को बड़ा मौका मुहैया कराता है। ब्रोकरेज ने डिक्सन, एलिन, सिरमा और एवलॉन को खरीद की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज की राय अंबर में बने रहने की है, जिसकी वजह वित्त वर्ष 25 के लिए नियोजित पूंजी पर 15 फीसदी का कम रिटर्न और वित्त वर्ष 25 के आय अनुमान पर 41 गुने का उचित मूल्यांकन है। दोनों ब्रोकरेज एवलॉन व सिरमा पर सकारात्मक नजरिया बनाए हुए हैं।
मजबूत ऑर्डर प्रवाह के कारण एवलॉन सबसे पसंदीदा बनी हुई है और ऑर्डर बुक में 60 फीसदी हिस्सेदारी स्वच्छ ऊर्जा व औद्योगिक सेगमेंट का है। साथ ही भारत में ज्यादा विनिर्माण (75 फीसदी) राजस्व व मार्जिन को आगे ले सकता है।