facebookmetapixel
हायर इंडिया में 49% हिस्सेदारी लेंगी भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस, स्थानीय उत्पादन और इनोवेशन को मिलेगी रफ्तारटॉप 1,000 में 60% शेयरों में नुकसान, निवेशकों ने आईपीओ और सोने की ओर रुख कियाDFCCIL और IRFC ने वर्ल्ड बैंक लोन रिफाइनेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए, सरकार को ₹2,700 करोड़ की बचत की उम्मीदYear Ender 2025: आईपीओ बाजार के लिए 2025 दमदार, आगे भी तेजी के आसारबीमारी के लक्षणों से पहले ही स्वास्थ्य जांच पर जोर, महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत का डायग्नोस्टिक्स बाजारहाइपरस्केल डेटा सेंटर के टैक्स दर्जे पर सरकार से स्पष्टता की मांग, आईटीसी और मूल्यह्रास नियमों में बदलाव की सिफारिशकोहरे और सर्दी की चुनौतियों के बीच इंडिगो ने संभाला मोर्चा, कहा- उड़ानों में व्यवधान नहीं होने देंगेओला की गिरती बिक्री के बावजूद रफ्तार में इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार, 2025 में रजिस्ट्रेशन 13.1 लाख तक पहुंचने का अनुमानदूरसंचार विभाग का प्रस्ताव: BSNL के 23,000 नए बेस स्टेशन बनेंगे, निजी कंपनियों से मुकाबले की तैयारीमुनाफे की उम्मीदों से गोल्ड लोन कंपनियों की चमक बढ़ी, मुथूट और मणप्पुरम फाइनैंस के शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर

2004 से चुनाव के बाद 6 महीने का रिटर्न दमदार

निफ्टी-50 सूचकांक ने वर्ष 2004 के बाद से चुनाव परिणाम के दिन से 6 महीने आगे के आधार पर हमेशा सकारात्मक परिणाम दिया है।

Last Updated- June 05, 2024 | 10:06 PM IST
Nifty 50

चुनाव नतीजों के समय इक्विटी बाजार हमेशा काफी अस्थिर रहता है, जैसा कि मौजूदा समय में देखा जा रहा है। हालांकि 6 महीने बाद बाजार में हमेशा से लाभ देने की प्रवृत्ति रही है। इसे इस तरह से समझा जा सकता है। निफ्टी-50 सूचकांक ने वर्ष 2004 के बाद से चुनाव परिणाम के दिन से 6 महीने आगे के आधार पर हमेशा सकारात्मक परिणाम दिया है। पिछले पांच चुनाव चक्रों के लिए औसत रिटर्न 10.2 प्रतिशत है।

2019 को छोड़कर, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों ने भी चुनावों के बाद 6 महीने में अच्छा रिटर्न दिया है। 2004 में भी, जब सूचकांक राजग की हार के बाद 20 प्रतिशत टूट गया था तो भी छह महीने और एक साल बाद बाजार ने सभी नुकसान की भरपाई कर ली और सकारात्मक रिटर्न दिया।

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहुमत का आंकड़ा पार न कर पाने के कारण बाजार में 6 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे गठबंधन सरकार की क्षमता को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। बुधवार को, बाजार आधे से ज्यादा नुकसान की भरपाई करने में कामयाब रहे। यदि इतिहास को देखा जाए तो चुनाव संबंधी गिरावट खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकती है।

जेपी मॉर्गन ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है, ‘भाजपा ने 1999-2004 और 2014-2024 के बीच गठबंधन सरकार का सफलतापूर्वक संचालन किया। ध्यान देने की बात यह है कि 2004 के चुनाव में जब वामपंथी पार्टी के समर्थन से कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो बाजार अस्थिर गठबंधन को लेकर चिंतित था।

चुनाव परिणाम के बाद प्रमुख सूचकांक निचले स्तरों पर आ गए, लेकिन 6 महीने के अंदर बाजार सभी नुकसान की भरपाई करने में कामयाब रहे और मजबूत आर्थिक रफ्तार की मदद से 2007 तक सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई। ऐतिहासिक तौर पर, निफ्टी ने 1991 के बाद से आम चुनाव के बाद 3/6 महीने में +9 प्रतिशत/+8 प्रतिशत का रिटर्न दिया। इससे पता चलता है कि पिछली गिरावट अक्सर दीर्घावधि के दौरान खरीदारी अवसर के तौर पर समाप्त हुई है।’

First Published - June 5, 2024 | 10:06 PM IST

संबंधित पोस्ट