वित्त वर्ष 2024-25 इक्विटी निवेशकों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। पहली छमाही में शेयरों ने शानदार प्रदर्शन किया मगर दूसरी छमाही में उथल-पुथल मच गई जिससे बाजार ने शुरुआती बढ़त का अधिकांश हिस्सा गंवा दिया। पूरे वित्त वर्ष में बेंचमार्क निफ्टी 5.3 फीसदी और सेंसेक्स 7.5 फीसदी बढ़ा जो वित्त वर्ष 2023 के बाद सबसे कमजोर सालाना प्रदर्शन रहा। निफ्टी मिडकैप इस दौरान 7.5 फीसदी और स्मॉलकैप 5.4 फीसदी लाभ में रहा।
चालू वित्त वर्ष में सोने की चमक खूब बढ़ी। सोना 37.7 फीसदी बढ़कर 3,070 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2008 के बाद से सबसे अच्छी तेजी है। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने में खूब निवेश किया। वित्त वर्ष 2025 के दौरान रुपये में 2.1 फीसदी की नरमी आई। पिछले वित्त वर्ष में रुपया 1.5 फीसदी नरम हुआ था।
इस साल जनवरी से ही रुपये में गिरावट का रुख बना हुआ था मगर शेयर बाजार और डेट मार्केट में निवेश बढ़ने से मार्च में डॉलर के मुकाबले रुपये में भी मजबूती आई और इसने इस साल के अपने पूरे नुकसान की लगभग भरपाई कर ली। चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में सेंसेक्स करीब 15 फीसदी चढ़ गया था।
मगर शेयरों के ऊंचे दाम के बीच सितंबर और दिसंबर तिमाही में कंपनियों की आय निराशाजनक रहने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी जिससे बाजार में उथल पुथल मच गई। विदेशी निवेशक दूसरी छमाही में 5 महीने शुद्ध बिकवाल रहे। वित्त वर्ष 2026 में बाजार की चाल कंपनियों के मुनाफे में संभावित सुधार और अमेरिकी व्यापार नीति में स्पष्टता पर निर्भर करेगी। वित्त वर्ष की शुरुआत में अस्थिरता दिख सकती है मगर दूसरी छमाही में बाजार सकारात्मक प्रगति कर सकता है।