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Stock Market Crash: इस हफ्ते 18 लाख करोड़ की चपत, FPI की बिकवाली से सूचकांकों में आई दो साल में सबसे बड़ी गिरावट

दोनों सूचकांक पिछले 5 कारोबारी सत्र में नुकसान में रहे, जो निफ्टी का 18 नवंबर, 2024 के बाद और सेंसेक्स का 26 अक्टूबर, 2023 के बाद गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला रहा।

Last Updated- December 20, 2024 | 10:31 PM IST
Stock Market Crash

Stock Market Crash: घरेलू इ​क्विटी बेंचमार्क सूचकांकों में लगातार चार हफ्ते की तेजी के बाद पहली साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। फेडरल रिजर्व द्वारा अगले साल कम बार दर कटौती के अनुमान से निवेशकों का हौसला कमजोर होने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के कारण बाजार में गिरावट आई है। सेंसेक्स 1,176 अंक या 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ 78,042 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 364 अंक या 1.5 फीसदी के नुकसान के साथ 23,588 पर बंद हुआ। निफ्टी 21 नवंबर, 2024 के बाद पहली बार 200 दिन के औसत उठापटक के निचले स्तर पर आ गया है। 

सूचकांकों में आज 3 अक्टूबर के बाद एक दिन में दर्ज सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दोनों सूचकांक पिछले 5 कारोबारी सत्र में नुकसान में रहे, जो निफ्टी का 18 नवंबर, 2024 के बाद और सेंसेक्स का 26 अक्टूबर, 2023 के बाद गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला रहा।

इस हफ्ते सेंसेक्स 5 फीसदी और निफ्टी 4.7 फीसदी नुकसान में रहे, जो 17 जून, 2022 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। पिछले चार हफ्ते में सेंसेक्स 5.9 फीसदी और निफ्टी 5.3 फीसदी बढ़ा था। ऐसे में इस हफ्ते सूचकांकों ने चार हफ्तों में हासिल बढ़ गंवा दी। इस हफ्ते भारी बिकवाली से निवेशकों को 18 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 8.7 लाख करोड़ रुपये घटकर 441 लाख करोड़ रुपये रहा।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली के दबाव से इस हफ्ते शेयरों में भारी गिरावट आई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस हफ्ते 13,627 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, जो 8 नवंबर के बाद किसी हफ्ते में सबसे बड़ी बिकवाली है। विदेशी निवेशकों ने आज 3,598 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,375 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। 

फेडरल रिजर्व ने बीते बुधवार को बेंचमार्क ब्याज दर लगातार तीसरी बार घटाकर 4.25 से 4.5 फीसदी के दायरे में कर दिया मगर संकेत दिया कि मुद्रास्फीति के दबाव के कारण अगले साल दर में अपेक्षाकृत कम बार कटौती हो सकती है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपये पर भी दबाव बढ़ा है और गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया लुढ़ककर 85.07 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि आज रुपये में थोड़ा सुधार हुआ और वह 85.02 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘बाजार 2025 में ब्याज दर में 100 आधार अंक की कटौती की उम्मीद कर रहा था लेकिन फेड 50 आधार अंक की कटौती का अनुमान लगा रहा है। इससे बाजार को निराशा हुई। अगर डॉनल्ड ट्रंप ऊंची शुल्क लगाने के अपने ऐलान पर अडिग रहते हैं तो इससे अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।’

बीएसई में 3,044 शेयर नुकसान में और 958 लाभ में बद हुए। सेंसेक्स के दो शेयर को छोड़कर सभी नुकसान में रहे। निफ्टी मिडकैप 2.8 फीसदी और स्मॉलकैप 2.2 फीसदी गिरावट में रहे।

इ​क्विनॉमिक्स के संस्थापक चोकालिंगम जी ने कहा, ‘विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं और लार्ज कैप पर दबाव बना हुआ है। इससे संकेत मिलता है कि दिसंबर अंत तक बाजार में नरमी बनी रह सकती है।’

First Published - December 20, 2024 | 10:31 PM IST

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