देश का सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) वित्त वर्ष 2021 में बाजारों से अतिरिक्त टियर 1 (एटी1) और टियर-2 बॉन्डों के जरिये लगभग 25,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। इस पूंजी से बैंक के व्यवसायों की वृद्घि की रफ्तार मजबूत बनाने और मंदी के झटकों से मुकाबले के लिए बफर तैयार करने में मदद मिलेगी।
बैंक चालू वित्त वर्ष में डॉलर और घरेलू मुद्रा में बेसेल-3 डेट योजनाओं के निर्गम के जरिये एटी1 और टियर-2 पूंजी जुटाएगा।
एसबीआई ने एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा है कि उसके बोर्ड ने 4,000 करोड़ रुपये तक की ताजा एटी1 पूंजी जुटाने के लिए मंजूरी दे दी है। उसके निदेशकों ने भी 10,000 करोड़ रुपये तक की ताजा टियर-2 पूंजी जुटाने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है। एसबीआई का शेयर बुधवार को बीएसई पर 1.2 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 183.85 रुपये पर बंद हुआ था।
चालू वित्त वर्ष 2021 के दौरान बैंक 11,015 करोड़ रुपये के अपने मौजूदा टियर-2 बॉन्डों को भुनाएगा। इसके लिए वह समान रकम के ताजा टियर-2 पूंजी बॉन्ड जारी करेगा। एसबीआई ने कहा है कि यह उपर्युक्त 10,000 करोड़ रुपये के टियर-2 पूंजी बॉन्डों से अलग होगा, जिसके लिए बोर्ड ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
एसबीआई का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 31 मार्च 2020 को 11 प्रतिशत के टियर-1 पूंजी आधार के साथ 13.06 प्रतिशत पर था। बैंक के पास नियामकीय दायरे से ज्यदा पूंजी बरकरार है।
वित्त वर्ष 2020 के लिए वित्तीय नतीजों की घोषणा के वक्त, एसबीआई के चेयरमैन ने कहा था कि बैंक ने फिलहाल पूंजी उगाही के लिए सरकार या बाजार से संपर्क करने की योजना नहीं बनाई है। हालांकि बैंक के पास 20,000 करोड़ रुपये तक जुटाने का प्रावधान है।
एसबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, बैंक को नियामक द्वारा सिस्टेमिकली इम्पोर्टेंट बैंक-डोमेस्टिक के तौर पर पहचान दी गई है और उसे 0.60 प्रतिशत का रिस्क वेटेड ऐसेट्स (आरडब्ल्यूए) का अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर-1 (सीईटी1) बनाए रखने की जरूरत है। इसके अलावा, उसने पूंजी संरक्षण बफर (सीसीबी) को बनाए रखने पर भी ध्यान दिया है और 30 सितंबर 2020 तक यह 2.5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच सकता है।
आईडीबीआई ने कोष उगाही के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी
निजी क्षेत्र के ऋणदाता आईडीबीआई बैंक ने अपना व्यवसाय बढ़ाने और मंदी के झटकों से मुकाबले के लिए बफर्स तैयार करने के मकसद के साथ 11,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी उगाही के लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है। शेयरधारकों को भेजी जानकारी में बैंक ने कहा है कि बेसेल-3 मानकों के मौजूदा क्रियान्वयन और उसके परिणामस्वरूप पूंजीगत शुल्क की वजह से उसे पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) मजबूत बनाने के लिए पूंजी आधार बढ़ाने की जरूरत है। बैंक 17 अगस्त 2020 को शेयरधारकों की सालाना आम बैठक (एजीएम) का आयोजन कर रहा है। यह एजीएम खासकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/अन्य ऑडियो विजुअल मीन्स (ओएवीएम) के जरिये की जाएगी। बीएस