इस महीने ज्यादा खुदरा शेयरधारिता वाले शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा। 1,000 अग्रणी कंपनियों में करीब 60 फर्मों में खुदरा निवेशकों के पास 25 फीसदी या इससे ज्यादा इक्विटी शेयर हैं। खुदरा निवेशक उन्हें कहा जाता है जिनके पास किसी कंपनी में 2 लाख रुपये से कम के शेयर होते हैं। इस महीने अब तक इन 60 कंपनियों के शेयरों में औसत गिरावट 10 फीसदी रही है। इसकी तुलना में निफ्टी-50 इंडेक्स में 0.2 फीसदी का इजाफा हुआ है और निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांकों में क्रमश: 7.1 फीसदी व 3.4 फीसदी की गिरावट आई है।
साउथ इंडियन बैंक में खुदरा हिस्सेदारी करीब 51 फीसदी है और यह शेयर इस महीने अब तक 8.3 फीसदी टूटा जबकि बजाज हिंदुस्तान में 45.3 फीसदी खुदरा हिस्सेदारी है और यह 15 फीसदी टूटा है। डेल्टा कॉर्प, तिरुमलाई केमिकल्स, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन (जहां खुदरा निवेशकों के पास 39 फीसदी से 42 फीसदी तक हिस्सेदारी है) में भी इस महीने तेज गिरावट आई थी लेकिन पिछले दो कारोबारी सत्रों में इनने अपने नुकसान की भरपाई कर ली।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि व्यापक बाजारों में तेज उतारचढ़ाव और बिकवाली ने छोटे निवेशकों को परेशान किया। स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा कि कुछ मिड व स्मॉलकैप शेयर अपने सर्वोच्च स्तर से 30-40 फीसदी नीचे चले गए। इस गिरावट के बाद कई निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो पर काफी असर देखा।
ऐसे में शेयरों को लेकर लोगों का भरोसा पहले जैसा नहीं रहा। अग्रणी 25 स्मॉलकैप फंडों में औसत खुदरा निवेशकों की संख्या करीब 1.66 लाख है। इनमें आईडीएफसी के पास सबसे ज्यादा 6,16,708 खुदरा निवेशक हैं। इसके बाद आईआरबी इन्फ्रा (4,55,883) और बीएसई (4,19,849) का स्थान है। ये सभी शेयर फरवरी के अपने उच्चस्तर से तेजी से नीचे आए हैं। इक्विटी होल्डिंग और खुदरा निवेशकों से जुड़े आंकड़े दिसंबर 2023 की तिमाही के हैं।