कीमतों में संभावित बढ़ोतरी और चीन में स्टील वायदा में सुधार के कारण सोमवार को अग्रणी स्टील कंपनियों के शेयरों में उछाल दर्ज हुई। करीब-करीब सभी अग्रणी स्टील उत्पादकों के शेयर चढ़े और इसकी अगुआई स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी सेल ने की। बीएसई पर सेल का शेयर 4.63 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 126.55 रुपये पर बंद हुआ। जेएसडब्ल्यू स्टील का शेयर 710.55 रुपये पर, जिंदल स्टील ऐंड पावर (जेएसपीएल) का शेयर 407.25 रुपये पर और टाटा स्टील का शेयर 1,125.65 रुपये पर बंद हुआ।
समझा जाता है कि स्टील कंपनियां अगले कुछ दिनों में कीमत में बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं। इसके अतिरिक्त चीन में स्टील वायदा भी कुछ गिरावट के बाद दोबारा सुधरा है।
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा, पिछले दो कारोबारी सत्र (शुक्रवार व सोमवार) में चीन में स्टील वायदा 50-60 डॉलर प्रति टन चढ़ा है। उन्होंने कहा, अगर इसे देखा जाए तो देसी कीमत और चीन से आयातित लागत के बीच भारी अंतर है। चीन से एचआरसी (हॉट रोल्ड कॉइल) की आयातित लागत 77,000 रुपये प्रति टन है, जबकि देसी बाजार में कीमतें 67,000 रुपये प्रति टन है। ऐसे में यहां कीमत बढ़ोतरी का मामला बनता है।
एक अन्य बड़े स्टील उत्पादक ने कहा कि कुछ उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी संभव है। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने कहा, अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार काफी महंगा है, लेकिन जेएसपीएल देसी ग्राहकों के लिए कीमतें बढ़ाने की कोशिश नहीं करेगी। अगर लौह अयस्क या अन्य इनपुट की लागत बेतरतीब बढ़ती है तो फिर हम कीमतों की समीक्षा करेंगे।
कीमतों में बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला कुछ दिन बाद लिया जाएगा। हालांकि कंपनियां बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं, लेकिन देसी मांग सुस्त है क्योंकि कई राज्यों में लॉकडाउन है और कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं।
धर ने कहा, देसी बाजार में आंतरिक मांग हालांकि बनी हुई है, पर लॉकडाउन के कारण उपभोग पर थोड़ा असर पड़ा है, जो अस्थायी है। हमें उम्मीद है कि जून के मध्य और जुलाई से मांग दोबारा बहाल हो जाएगी। बुनियादी ढांचा क्षेत्र से मांग है और कुछ निर्माण गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
देसी मांग पर जहां कोरोना की दूसरी लहर से असर पड़ा, पर निर्यात बाजार मजबूत बना रहा। धर ने कहा, निर्यात के लिहाज से तीन अहम गंतव्य हैं यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया।
फरवरी में थोड़े विराम को छोड़ दें तो स्टील की कीमतों में पिछले साल नवंबर से लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले साल अक्टूबर से एचआरसी की कीमतें करीब 54 फीसदी बढ़ी हैं। कीमतें हालांकि वैश्विक स्टील कीमतों के मुताबिक बढ़ी, जो चीन, ईयू और अमेरिका में मजबूत मांग की पृष्ठभूमि में सर्वोच्च स्तर पर रही।
हालांकि चीन में कीमतें पिछले हफ्ते घटी है, पर चीन की स्टील कीमतें सरकार की तरफ से तीव्र बढ़ोतरी पर लगाम कसने के बाद घटी हैं।
