मंगलवार को जहाज निर्माण कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) के शेयर 10 प्रतिशत गिरकर 4,206.55 रुपये पर पहुंच गए, जबकि गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के शेयर 9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,643 रुपये पर आ गए। कोचीन शिपयार्ड (CSL) के शेयर 5 प्रतिशत के लोअर सर्किट पर 1,453.80 रुपये पर बंद हुए।
बीएसई सेंसेक्स भी 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,717 पर था। इन तीनों कंपनियों के शेयर जुलाई 2024 में छुए गए 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से 51 प्रतिशत तक नीचे आ चुके हैं।
कोचीन शिपयार्ड पर दबाव
कोचीन शिपयार्ड (CSL) के शेयर 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ बीएसई पर बंद हुए। पिछले हफ्ते सरकार ने ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए कंपनी में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 1.3 करोड़ शेयर बेचे थे, जिससे करीब 2,000 करोड़ रुपये जुटाए गए।
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट (FY24) में कहा गया कि फिच रेटिंग्स ने शिपिंग क्षेत्र पर नकारात्मक आउटलुक बनाए रखा है। कंटेनर शिपिंग में आ रही चुनौतियों के कारण कंपनी की सालाना आय में गिरावट हो सकती है।
शिपबिल्डिंग उद्योग की संभावनाएं
भले ही शिपबिल्डिंग सेक्टर में चुनौतियां हैं, लेकिन इसके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। मौजूदा समय में ऑर्डर बुक अच्छी है, और नए नियमों के तहत पुराने जहाजों को बदलने और शिपिंग की बढ़ती मांग को पूरा करने की जरूरत है। 2005-2010 के बीच बने जहाजों को अब बदलने का समय आ गया है, जिससे शिपबिल्डिंग उद्योग में नई मांग बढ़ने की संभावना है।
विश्लेषकों की राय
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) ने हाल के समय में बेहतर मार्जिन दिखाया है, क्योंकि समय से पहले जहाजों की डिलीवरी से लागत कम हुई है। यह उच्च मार्जिन FY27 तक बने रहने की संभावना है, क्योंकि अगले 2-3 साल में बड़ी डिलीवरी होनी है। हालांकि, नए ऑर्डर मिलने पर कंपनी की कमाई माइलस्टोन आधारित हो सकती है, जिससे EBITDA मार्जिन 12-15 प्रतिशत तक गिर सकता है।
GRSE पर ‘बेचें’ की सलाह
एलारा कैपिटल के विश्लेषकों ने गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) पर ‘बेचें’ की रेटिंग दोहराई है, क्योंकि नेक्स्ट जनरेशन कॉर्वेट (NGC) का एक बड़ा ऑर्डर FY24 से FY26 तक टाल दिया गया है। इससे कंपनी की राजस्व वृद्धि अब FY26 के बाद ही देखी जा सकेगी। ब्रोकरेज फर्म ने FY25 और FY26 के लिए EPS में क्रमशः 22 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की कटौती की है, जो कम ग्रॉस मार्जिन और अन्य आय में गिरावट के कारण है।