इंडिया वॉलैटिलिटी इंडेक्स (इंडिया विक्स – जिसे अक्सर ‘डर का पैमाना’ कहा जाता है और जो भारतीय शेयर बाजारों में ट्रेड करने वाले निवेशकों और ट्रेडरों के लिए बाजार की उथल-पुथल की माप करने वाला प्रमुख पैमाना है) पिछले दो कारोबारी सत्रों में 10 से नीचे गिर गया है, जो हाल के वर्षों में एक दुर्लभ घटना है। बजट सीजन या आम चुनावों के दौरान कभी-कभार उछाल के अलावा विक्स 2021 से ही शांत बना हुआ है। कम रीडिंग संकेत देती है कि ट्रेडरों को उम्मीद है कि निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव कम से कम रहेगा।
यह गिरावट सकारात्मक वैश्विक संकेतों, बढ़ते विदेशी निवेश और वस्तु एवं सेवा कर सुधारों के चलते बेहतर धारणा के अनुरूप है। फिर भी कुछ विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि असामान्य रूप से इतना निचला स्तर जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास और आत्मसंतुष्टि दर्शा सकता है। कई लोगों का मानना है कि यह शांति केवल दूसरी तिमाही के आय सीजन तक ही रह सकती है, जब अस्थिरता फिर से उभर सकती है।
इस हफ्ते मुख्य प्लेटफॉर्म पर करीब एक दर्जन आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवेदन के लिए खुल रहे हैं, जिससे आईपीओ की मासिक संख्या 19 पर पहुंच गई है, जो कम से कम सदी की शुरुआत के बाद से किसी भी कैलेंडर माह में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस होड़ का कारण क्या है? विश्लेषक इस होड़ को इस महीने इक्विटी में आई तेज़ी, अच्छी खासी नकदी और हाल के निर्गमों की मजबूत आवेदन दरों से जोड़ रहे हैं।
इसने निवेश बैंकरों को नए निर्गम लाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिनमें से ज्यादातर आकार में मामूली हैं यानी आमतौर पर 500 करोड़ रुपये से कम। जबकि टाटा कैपिटल, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया और पाइन लैब्स जैसे बड़े नियोजित निर्गम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। यह विरोधाभास इस बात पर जोर देता है कि प्राथमिक बाज़ार सक्रिय होते हुए भी पूरी तरह से उत्साहित नहीं है।
डीमार्ट खुदरा श्रृंखला चलाने वाली एवेन्यू सुपरमार्ट्स के चतुर निवेशक और प्रवर्तक राधाकिशन दमानी ने जोमैटो और क्विक-कॉमर्स लीडर ब्लिंकइट की मूल कंपनी इटर्नल में 0.5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करके सभी का ध्यान आकर्षित किया है। रणनीतिक कदम ब्लिंकइट के तेजी से बढ़ते व्यापार मॉडल में विश्वास का संकेत देता है, जिसने विडंबना यह है कि पारंपरिक खुदरा खिलाड़ी डीमार्ट के शेयरों को कम करने में योगदान दिया है।
डीमार्ट का अपना क्विक-कॉमर्स वेंचर, डीमार्ट रेडी ब्लिंकइट के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करता है, लेकिन अभी तक इसके पैमाने से मेल नहीं खा पाया है। उल्लेखनीय रूप से भारत की कॉरपोरेट रैंकिंग में एवेन्यू सुपरमार्ट्स इटर्नल से थोड़ा पीछे है, जिसका बाजार पूंजीकरण 3.11 लाख करोड़ रुपये (24वां) है।