हाल में विश्लेषकों के साथ एक बैठक में टाटा कम्युनिकेशंस ने दोहराया कि उसका डेटा राजस्व का लक्ष्य लगभग 28,000 करोड़ रुपये का है। लेकिन उसने अब इसे हासिल करने के लक्ष्य को वित्त वर्ष 2028 तक बढ़ा दिया है, जो पहले वित्त वर्ष 2027 था। वित्त वर्ष 2025 में 19,500 करोड़ रुपये के राजस्व को देखते हुए वित्त वर्ष 2025 से 2028 के दौरान इसमें 26 प्रतिशत की सालाना वृद्धि होगी। इन अनुमान में वित्त वर्ष 2027 तक 23 से 25 फीसदी का समेकित एबिटा मार्जिन और 25 फीसदी से अधिक का कर-पूर्व आरओसीई तथा 2 गुना से कम का शुद्ध ऋण-एबिटा अनुपात शामिल है।
कंपनी के प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि अगर अधिग्रहण से संबंधित कोई असर होता है तो इन अनुमानों में बदलाव आ सकता है। प्रबंधन ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2025- 2028 के दौरान डेटा राजस्व का एक-तिहाई क्षमता बदलाव और रणनीतिक दांव से मिलेगा। डिजिटल पोर्टफोलियो का डेटा राजस्व में 65 प्रतिशत से अधिक का योगदान होगा जो इस समय 47 फीसदी है। इसका मतलब है कि डिजिटल राजस्व में वृद्धि 26 प्रतिशत रहेगी जबकि वित्त वर्ष 2021 से 2025 के दौरान बड़े अधिग्रहण के बल पर यह 25 प्रतिशत थी।
टाटा कम्युनिकेशंस ने कहा है कि डिजिटल पोर्टफोलियो एबिटा मार्जिन निचले स्तर से निकल गया है और उसे मार्जिन में सकारात्मक दो अंक तक सुधार की उम्मीद है। इसका मतलब है अगले कुछ वर्षों में 1,500 – 2,300 करोड़ रुपये का एबिटा हासिल होना। एबिटा मार्जिन घाटे के स्तर से निकल जाएगा और इसमें 4 से 6 प्रतिशत तक सुधार आएगा। इसके बाद मार्जिन दो अंक में बढ़ सकता है। लेकिन इस मार्जिन अनुमान के लिए कोई सटीक समय-सीमा नहीं है।
कंपनी का लक्ष्य भारत में अग्रणी स्थिति हासिल करना और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पैठ बनाना शुरू करना है। टाटा कम्युनिकेशंस गैर-प्रमुख व्यवसायों की परिसंपत्ति बिक्री की रणनीति बरकरार रखेगी जबकि एसटीटी के भारत में डेंटा सेंटर बिजनेस में अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखेगी। कंपनी ने वैश्विक विलय-अधिग्रहणों की राह आसान बनाने के लिए विदेशी सहायक इकाइयों (टीसीओएम यूके और टीसीओएम नीदरलैंड्स) के कॉरपोरेट ढांचे में बदलाव भी किए हैं। कंपनी प्रबंधन भूखंडों को बेचने पर विचार कर रहा है। हालांकि इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि क्लाउड, एआई, आईओटी आदि जैसे मेगाट्रेंड के कारण डिजिटल पोर्टफोलियो में वृद्धि होगी जिससे वित्त वर्ष 2028 में 27,300 करोड़ रुपये का डेटा राजस्व हासिल होने की संभावना है। संपूर्ण एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2025 के 20 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2028 तक 23.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। एक जोखिम कमजोर वैश्विक आर्थिक हालात को लेकर है, जिससे डिस्क्रेशनरी खर्च प्रभावित हो सकता है और दूसरा जोखिम एजीआर मामले में विपरीत आदेश है।
साथ ही, वित्त वर्ष 2028 की समय-सीमा के अंदर डिजिटल मार्जिन के दो अंक में पहुंचना सकारात्मक हो सकता है, क्योंकि इसमें कम मार्जिन और अन्य उद्यमों से उत्पादों और सेवाओं को फिर से बेचने से महत्त्वपूर्ण राजस्व भागीदारी हो सकती है। डिजिटल मार्जिन और राजस्व सृजन में तेजी, शेयर की रेटिंग में बदलाव के लिए महत्त्वपूर्ण होगा। पिछले तीन वित्त वर्षों में इस शेयर में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार जून के सर्वे में शामिल छह विश्लेषकों में से चार इस पर उत्साहित हैं जबकि एक-एक ने मंदी और तटस्थ रुख अपनाया है। उनका एक साल का औसत कीमत लक्ष्य 1,847.67 है। यह शेयर गुरुवार को बीएसई पर 0.75 फीसदी की गिरावट के साथ 1,702 रुपये पर बंद हुआ।