जुलाई में बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार पांचवें महीने बढ़ोतरी दर्ज की, जो अक्टूबर 2021 के बाद बढ़त का सबसे लंबा दौर है। दोनों सूचकांकों में करीब 3-3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, वहीं निफ्टी मिडकैप 100 (Nifty Midcap 100 ) और निफ्टी स्मॉलकैप 100 (Nifty Smallcap 100) सूचकांकों ने उम्दा प्रदर्शन किया और उनमें क्रमश: 5.5 फीसदी व 8 फीसदी की उछाल दर्ज हुई।
ट्रेडिंग की गतिविधियों को तब मजबूती मिलती है जब बाजार की अंतर्निहित स्थिति ठोस होती है।
5 पैसा (5 Paisa) के कार्यकारी निदेशक व सीईओ प्रकाश गगडानी ने कहा, विभिन्न सूचकांक अपने-अपने सर्वोच्च स्तर पर हैं। भागीदारी दोबारा देखने को मिल रही है क्योंकि मिडकैप व स्मॉलकैप में तेजी है, जो टर्नओवर यानी कारोबार को मजबूत बना रहा है। अपने-अपने पोजीशन के साथ पहले से फंसे कई खुदरा क्लाइंटों को मुनाफावसूली का मौका मिल रहा है।
उन्होंने कहा, जहां तक नकदी बाजार का सवाल है, जब तक बाजार में बढ़त जारी रहेगी हम उसी तरह की भागीदारी देखेंगे, जो हमें 2020 और 2021 में देखने को मिला था। बाजार को GDP, GST कलेक्शन और कंपनियों की आय पर मॉनसून के असर को समाहित करना अभी बाकी है, जो बाजार में तेजी बने रहने के लिए अहम होगी।
इस साल मार्च के निचले स्तर से बेंचमार्क सूचकांकों में 15 फीसदी की उछाल आई है। व्यापक बाजार में तेजी लार्जकैप के मुकाबले करीब दोगुनी रही है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) के MD व CEO धीरज रेली ने कहा, अप्रैल 2023 में सुस्ती के बाद ट्रेडिंग वॉल्यूम ठीक-ठाक बना हुआ है। FPI के निवेश से बाजारों में हुई बढ़त ने स्थानीय ट्रेडरों व निवेशकों को आकर्षित किया और उनकी गतिविधियां व्यापक बाजारों में देखी गई।
F&O वॉल्यूम लगातार नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। अगली दो-तीन तिमाहियों में राज्यों के साथ-साथ केंद्र में चुनाव होने हैं, ऐसे में बाजारों में सकारात्मक व नकारात्मक अनुमानों की कमी नहीं होगी। ये चीजें वॉल्यूम को रफ्तार दे सकती हैं। हेजिंग की दरकार और उतारचढ़ाव से फायदे की उम्मीद ट्रेडिंग वॉल्यूम को सहारा देना जारी रख सकता है।
डेरिवेटिव सेगमेंट में रोजाना औसत कारोबार जुलाई में लगातार नौवें महीने बढ़ा। एक साल पहले की तुलना में कारोबार करीब तीन गुना हो गया है। F&O सेगमेंट में ज्यादातर वॉल्यूम ऑप्शन यानी विकल्प में ट्रेडिंग का है, जहां सौदे के आकार छोटा होता है और तेज उछाल की संभावना निवेशकों को आकर्षित करती है।
BSE की तरफ से सेंसेक्स और बैंकेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों को दोबारा पेश करने से भी F&O सेगमेंट में कारोबार के विस्तार को मदद मिली है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक्सचेंज ने लॉट साइज घटाया है और एक्सपायरी साइकल अब शुक्रवार कर दिया है। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि डेरिवेटिव अनुबंधों के लिए एक्सपायरी का दिन बढ़ाने से भी गतिविधियां मजबूत हुई है।
अभी डेरिवेटिव अनुबंध सप्ताह में चार दिन एक्सपायर होते हैं। एनएसई का निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज F&O अनुबंध मंगलवार को एक्सपायर होता है, बैंक निफ्टी बुधवार को, निफ्टी गुरुवार को और सेंसेक्स व बैंकेक्स शुक्रवार को एक्सपायर होता है।