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SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को इस माह तलब कर सकती है संसद की PAC, कांग्रेस नेता की अगुवाई में होगी जांच

SEBI chief Madhabi Puri Buch: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली PAC ने अपनी 160 विषयों वाली सूची में 'नियामक संस्थाओं के प्रदर्शन की समीक्षा' को भी शामिल किया है।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- September 06, 2024 | 10:30 PM IST

SEBI chief Madhabi Puri Buch Inquiry: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों से घिरीं बुच को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) इस महीने के आखिर में पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। पीएसी ने ‘संसदीय कानून द्वारा बने निकायों के प्रदर्शन की समीक्षा’ को एक विषय के रूप में शामिल किया है, जिनकी उसे 2024-25 के दौरान जांच करनी है।

इसके तहत पीएसी सेबी प्रमुख के खिलाफ आरोपों की जांच करेगी तथा उन्हें एवं वित्त तथा कॉरपोरेट मंत्रालयों के अन्य अधिकारियों को अपने समक्ष पेश होने के लिए समन भेजेगी। बुच को इसी माह के अंत में समिति के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया जा सकता है।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली PAC ने अपनी 160 विषयों वाली सूची में ‘नियामक संस्थाओं के प्रदर्शन की समीक्षा’ को भी शामिल किया है। समिति की बीते 29 अगस्त को आयोजित पहली बैठक में कई सदस्यों ने सेबी की कार्यप्रणाली और इसके प्रमुख बुच पर लगे आरोपों की जांच की मांग उठाई थी। इसके बाद ही इनकी जांच का फैसला लिया गया।

बीते 2 सितंबर को जारी लोक सभा के बुलेटिन में कहा गया है कि समिति की पहली बैठक के बाद इस विषय को स्वत: संज्ञान के आधार पर शामिल किया गया है। समिति के पास अधिकारियों को समन भेजकर पेश होने के लिए कहने का अधिकार है।

समिति की अगली बैठक 10 सितंबर को होगी, जिसका एजेंडा जल जीवन मिशन योजना का ‘परफॉर्मेंस ऑडिट’ है, लेकिन पीएसी इसके अलावा इस माह के अंत में कई और बैठकें बुला सकती है। नियामक संस्थाओं की कार्यप्रणाली की जांच संबंधी पीएसी का फैसला ऐसे समय आया है जब अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की सेबी की जांच में बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगे हैं। कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने, बुच का इस्तीफा अथवा सेबी प्रमुख के पद से हटाने की मांग की है।

कांग्रेस ने बुच को आईसीआईसीआई बैंक से किए भुगतान पर भी सवाल पूछा है। प्रमुख विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि बुच आईसीआईसीआई बैंक में लाभ के पद पर रहीं और वह सेबी से वेतन लेने के साथ-साथ आईसीआईसीआई से भी वित्तीय लाभ अर्जित करती रहीं। ज़ी के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने आरोप लगाया कि वह भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त थीं।

सेबी के कर्मचारियों ने भी नियामक संस्था में लगातार बिगड़ती काम की स्थिति की शिकायत एक पत्र के माध्यम से वित्त मंत्रालय को भेजी है। बुच और उनके पति ने किसी भी तरह की गड़बड़ी और अनियमितता में संलिप्तता से इनकार किया है। आईसीआईसीआई बैंक ने भी कांग्रेस के आरोपों को नकार दिया है। पीएसी बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसदीय समिति होती है, जो सरकार के खर्चों और राजस्व प्राप्ति का ऑडिट करती है।

First Published : September 6, 2024 | 10:14 PM IST