facebookmetapixel
Stock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सुस्त संकेत, RBI का ब्याज दर पर फैसला आज; कैसी रहेगी बाजार की चाल ?मोतीलाल ओसवाल ने अक्टूबर 2025 के लिए चुने ये 5 तगड़े स्टॉक्स, निवेशकों के पास बढ़िया मौकाइन्फोपार्क से मिलेगी केरल के प्रगति पथ को और रफ्तारGVK के उत्तराधिकारी को एआई कॉल असिस्टेंट इक्वल से उम्मीद4 में से 3 नई कंपनियों की शेयर बाजार में हुई खराब शुरुआतक्रिकेट स्पॉन्सर​शिप के मैदान में अपोलो टायर्स का बड़ा दांव, बढ़ेगा विज्ञापन खर्चई-दोपहिया का पंजीकरण पहली छमाही में 18% बढ़ाटैक्स से लेकर जीडीपी तक: बेहतर कलेक्शन वाले देशों से भारत क्या सीख सकता है?IMD Report: विदा हुआ मॉनसून, 8% ज्यादा हुई बारिशअमेरिकी शुल्क और एच-1बी वीजा के चलते आईटी क्षेत्र पर दबाव

SAT ने पलटा SEBI का आदेश, केयर रेटिंग्स के पूर्व एमडी राजेश मोकाशी को दी राहत

अप्रैल 2023 में सेबी ने मोकाशी को दो साल तक किसी भी शेयर बाजार इंटरमीडियरी से जुड़ने से प्रतिबं​धित कर दिया था

Last Updated- July 02, 2025 | 9:57 PM IST
SEBI

प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने केयर रेटिंग्स के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजेश मोकाशी के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक आदेश को पलट दिया है। अप्रैल 2023 में सेबी ने मोकाशी को किसी भी शेयर बाजार इंटरमीडियरी से दो साल तक जुड़ने से प्रतिबं​धित कर दिया था। सेबी का आरोप था कि मोकाशी ने रेटिंग प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया था।

सैट ने 27 जून के अपने आदेश में कहा कि इस कार्रवाई से ‘न्यायिक समय और संसाधनों का भारी नुकसान’ हुआ है। साथ ही ‘अपीलकर्ता की प्रतिष्ठा, वित्तीय नुकसान और आगे के अवसरों को नुकसान पहुंचा है।’ इस वजह से सैट ने सेबी पर 500,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

सेबी के आदेश में दावा किया गया था कि अगस्त 2016 से जुलाई 2019 तक मोकाशी ने अपने कार्यकाल के दौरान केयर रेटिंग्स के कर्मचारियों पर कुछ निर्गम जारीकर्ताओं (जिनमें डीएचएफएल शामिल हैं) को अनुकूल रेटिंग देने के लिए दबाव डाला था।

हालांकि, न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण की एक पिछली रिपोर्ट में मोकाशी को निर्दोष बताया गया था, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि डीएचएफएल, येस बैंक और आईएलएफएस की रेटिंग में उनके हस्तक्षेप करने के आरोपों में दम नहीं है। सेबी, न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण के निष्कर्षों से डीएचएफएल से जुड़े आरोपों को छोड़कर, अन्य सभी मुद्दों पर सहमत था। सैट के आदेश में कहा गया कि सेबी के पूर्णकालिक सदस्य ने न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण की रिपोर्ट में ‘निष्कर्षों की पूरी तरह से गलत व्याख्या’ की थी।

नियामकीय कार्यवाही व्हिसलब्लोअर की शिकायतों के बाद शुरू की गई थी। जुलाई 2019 में सेबी ने केयर रेटिंग्स की ऑडिट कमेटी को कथित अनियमितताओं की फॉरेंसिक जांच का निर्देश दिया था। बाद में, मोकाशी को छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया और उसके बाद रेटिंग एजेंसी में उन्हें पद से हटा दिया गया।

First Published - July 2, 2025 | 9:50 PM IST

संबंधित पोस्ट