अरबपति मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने गुरुवार को एशियन पेंट्स में 3.64 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी, जबकि एसबीआई म्युचुअल फंड ने खुले बाजार में लेनदेन के जरिये 7,703 करोड़ रुपये में ये शेयर खरीदे। एनएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी सहयोगी कंपनी सिद्धांत कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के जरिये एशियन पेंट्स के 3.50 करोड़ इक्विटी शेयर यानी 3.64 फीसदी हिस्सेदारी बेची।
शेयरों का निपटान 2,201 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर किया गया, जिससे लेनदेन का मूल्य 7,703.50 करोड़ रुपये बैठता है। हिस्सेदारी बिक्री के बाद एशियन पेंट्स में आरआईएल की इकाई सिद्धांत कमर्शियल्स की हिस्सेदारी 4.90 फीसदी से घटकर 1.26 फीसदी रह गई है। शेयरों के अधिग्रहण के साथ ही एशियन पेंट्स में एसबीआई म्युचुअल फंड की हिस्सेदारी 1.51 फीसदी से बढ़कर 5.15 फीसदी हो गई। एनएसई पर एशियन पेंट्स के शेयर 0.73 फीसदी बढ़कर 2,225 रुपये पर बंद हुए।
वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर में गुरुवार को 7 फीसदी की गिरावट आई। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम का स्वामित्व है। सरकार के बड़े यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लगाने की खबरों के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट आई। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इन दावों को ‘झूठा, निराधार और भ्रामक’ करार दिया है। बीएसई पर दिन के कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 9.99 फीसदी फिसलकर 864.20 रुपये पर आ गया था। बाद में यह 6.77 फीसदी की गिरावट के साथ 895.15 रुपवन97 कम्युनिकेशंस के शेयर में गुरुवार को 7 फीसदी की गिरावट आई। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम का स्वामित्व है। ये पर बंद हुआ।
एनएसई पर कंपनी का शेयर 7 फीसदी की गिरावट के साथ 893 रुपये पर बंद हुआ जबकि दिन के कारोबार में यह 10 फीसदी फिसलकर 864.40 रुपये पर आ गया था। कारोबार के दौरान बीएसई पर कंपनी के 9.64 लाख शेयरों और एनएसई पर 246.71 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) मंच के जरिये लेनदेन पर कोई ‘मर्चेंट डिस्काउंट रेट’ (एमडीआर) नहीं लेने की जानकारी दी।
रेमंड लिमिटेड अपने रियल एस्टेट कारोबार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराएगी। उसने अपार विकास अवसरों का लाभ उठाने के लिए इस कारोबार को अलग किया है। रेमंड लिमिटेड ने सभी विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद रियल एस्टेट कारोबार को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है और अब वह इंजीनियरिंग कारोबार पर ध्यान केंद्रित करेगी।
रेमंड लिमिटेड ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अमित अग्रवाल ने विश्लेषकों से कहा, हमने अपने रियल एस्टेट व्यवसाय को सफलतापूर्वक अलग कर लिया है और सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर लिए हैं। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में हम रियल एस्टेट व्यवसाय को सूचीबद्ध करा देंगे। मुंबई स्थित रेमंड लिमिटेड देश की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है।