निवेशकों को एक और तिमाही में भारत की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के राजस्व और आय में सुस्त वृद्धि देखनी पड़ सकती है। विभिन्न इक्विटी एजेंसियों ने निफ्टी 50 कंपनियों के जो आय अनुमान संकलित किए हैं, उनसे संकेत मिलता है कि जुलाई-सितंबर (वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही) के दौरान लगातार 10वीं तिमाही में कॉरपोरेट राजस्व में एक अंक में वृद्धि हुई लगती है। शुद्ध लाभ वृद्धि भी लगातार छठी तिमाही में एक अंक में रहने का अनुमान है।
बैंकों के सबसे ज्यादा पिछड़ने की संभावना है, जिनमें से अधिकांश के शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर गिरावट तथा शुद्ध ब्याज आय में सपाट से नकारात्मक वृद्धि यानी घटा दर्ज होने की आशंका है। उनका प्रदर्शन संपूर्ण आय पर दबाव बढ़ाएगा, क्योंकि कुल कॉरपोरेट लाभ में बैंकों का योगदान लगभग एक-तिहाई होता है। दूसरी ओर भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी दूरसंचार ऑपरेटरों और टाटा स्टील तथा जेएसडब्ल्यू जैसी इस्पात कंपनियों से वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में आय में सालाना आधार पर वृद्धि में सबसे अधिक योगदान मिलने की उम्मीद है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और एशियन पेंट्स जैसी उपभोक्ता वस्तु कंपनियां दूसरी तिमाही में राजस्व और आय वृद्धि में गिरावट दर्ज कर सकती हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो जैसी आईटी सेवा कंपनियों के राजस्व और आय में एक अंक की कमजोर वृद्धि की संभावना है। लिहाजा, पिछली आठ तिमाहियों का रुझान जारी रह सकता है।
ब्रोकरेज अनुमानों के अनुसार संयुक्त शुद्ध बिक्री (या ऋणदाताओं की शुद्ध ब्याज आय) वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 7.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के 4.9 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 5.7 फीसदी से अधिक होगी। नमूने में शामिल निफ्टी-50 की 46 कंपनियों की संयुक्त शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 13.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो एक साल पहले की 12.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक लेकिन वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही की 15.2 लाख करोड़ रुपये से कम है।
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में संयुक्त शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जो वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 9.8 प्रतिशत से कम है। हालांकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के 4.4 प्रतिशत से इसमें सुधार हुआ है। सूचकांक की 46 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ 1.94 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले के 1.83 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। लेकिन वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 2.06 लाख करोड़ रुपये से कम है। इससे वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही पिछली चार तिमाहियों में सबसे कम आय वाली तिमाही बन जाएगी।
सूचकांक कंपनियों के लिए तिमाही शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही से 1.8-2.1 लाख करोड़ रुपये के सीमित दायरे में बना हुआ है। इस रफ्तार से निफ्टी-50 की आय वृद्धि लगातार पांचवीं तिमाही में एक अंक में रहने का अनुमान है जबकि शुद्ध बिक्री लगातार 9वीं तिमाही (वित्त वर्ष 2024 से शुरू) में एक अंक में रह सकती है।
सूचकांक की चार कंपनियों – अदाणी एंटरप्राइजेज, जियो फाइनैंशियल, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के लिए कोई आय अनुमान नहीं हैं। यह विश्लेषण वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के लिए निफ्टी 50 की 46 कंपनियों के औसत अनुमानों पर आधारित है।
इन्हें ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग, बाटलीवाला ऐंड करणी सिक्योरिटीज, दौलत कैपिटल मार्केट, इलारा कैपिटल, एमके रिसर्च, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, जेएम फाइनैंशियल, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज, मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट, सिस्टेमैट्रिक्स और यस सिक्योरिटीज सहित कई ब्रोकरेज फर्मों से संकलित किया गया है। सभी ब्रोकरेज फर्मों द्वारा सभी कंपनियों को कवर नहीं किया जाता है।