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बाजारों में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट, Sensex 0.6 फीसदी टूटा; Nifty भी कमजोर

शुक्रवार को सेंसेक्स की गिरावट में बैंकिंग और FMCG शेयरों का सबसे ज्यादा योगदान रहा

Last Updated- August 11, 2023 | 10:32 PM IST
share market

वित्तीय और एफएमसीजी शेयरों में गिरावट के बीच भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में लगातार तीसरी साप्ताहिक फिसलन दर्ज हुई। शुक्रवार को सेंसेक्स 365 अंक टूटकर 65,322 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी ने 115 अंकों की गिरावट के साथ 19,428 पर कारोबार की समाप्ति की। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 0.6 फीसदी टूटा जबकि निफ्टी में 0.5 फीसदी की गिरावट आई।

शुक्रवार को सेंसेक्स की गिरावट में बैंकिंग शेयरों का सबसे ज्यादा योगदान रहा। एचडीएफसी बैंक 1.05 फीसदी टूटा और सेंसेक्स को नीचे लाने में इसका सबसे ज्यादा योगदान रहा। इसके बाद आईसीआईसीआई में 1.2 फीसदी की गिरावट आई। भारतीय रिजर्व बैंक न गुरुवार को बैंकों को 10 फीसदी इनक्रीमेंटल सीआरआर बनाए रखने का निर्देश दिया। इस कदम से बैंकों को आरबीआई के पास ज्यादा रकम जमा करने होंगे और वह भी ब्याज आय के बिना। इसके अतिरिक्त आरबीआई ने खुदरा महंगाई का लक्ष्य बढ़ा दिया है और मौसम के प्रतिकूल घटनाक्रम के कारण खाद्य कीमतों के परिदृश्य को लेकर चिंता जताई है।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, हफ्ते के दौरान भारतीय बाजार ने मंदी का अनुभव किया क्योंकि महंगाई की चिंता से देसी सेंटिमेंट पर चोट पड़ी। इनक्रीमेंटल सीआरआर के जरिये नकदी के प्रबंधन के लिए आरबीआई के कदम से बैंकिंग क्षेत्र के सेंटिमेंट पर असर पड़ा, लेकिन यह असर उम्मीद के मुताबिक सीमित रहा।

उधर, फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के बयान और चीन में कर्ज की चिंता ने निवेशकों की चिंता में इजाफा कर दिया। सैन फ्रांसिस्को रिजर्व बैंक की अध्यक्ष मेरी डेली ने गुरुवार को कहा कि बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए फेड को अभी और काम करना है।

खबरें बताती है कि चीन अपने प्रांतीय सरकारों को बॉन्ड बिक्री के जरिए एक लाख करोड़ युआन जुटाकर कर्ज के भुगतान की इजाजत देगा। इस बीच, एक बयान में चीन की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डेवलपर में से एक कंट्री गार्डन होल्डिंग्स ने कहा है कि इस साल पहली छमाही में उसे अरबों डॉलर के नुकसान की आशंका है।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा, फेड के अधिकारियों के बयान से संकेत मिलता है कि दरों में बढ़ोतरी का उनका काम अभी पूरा नहीं हुआ है, जो भारत और उभरते बाजारों में निवेश के लिहाज से बुरी खबर है। साथ ही वैश्विक आर्थिक रिकवरी में चीन के योगदान की उम्मीद धूमिल हो रही है क्योंकि खबर है कि उनके रियल एस्टेट क्षेत्र में संकट है और उसकी रफ्तार भी घट रही है।

निवेशक बाकी बची कंपनियों के नतीजे और उच्च बारंबारता वाले आर्थिक संकेतकों पर आगामी हफ्ते में नजर रखेंगे ताकि बाजार की चाल का अंदाजा हो। साथ ही वैश्विक संकेतों को लेकर अनिश्चितता से बाजार एकीकृत हो सकता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, पहली तिमाही के नतीजे का सीजन अब खत्म होने वाला है, ऐसे में हम बाजारों में हम व्यापक आधारित मुनाफावसूली देख सकते हैं क्योंकि वैश्विक संकेतक भी फिलहाल मदद नहीं कर रहे हैं।

बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 2,094 शेयर गिरे जबकि 1,491 में बढ़ोतरी दर्ज हुई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 3,073 करोड़ रुपये के शुद्ध‍ बिकवाल रहे, वहीं देसी संस्थागत निवेशकों ने 500 करोड़ रुपये की शुद्ध‍ खरीदारी की।

सेंसेक्स के दो तिहाई से ज्यादा शेयर टूटे। शुक्रवार को बैंकिंग व एफएमसीजी शेयर सबसे ज्यादा टूटे और उनके क्षेत्रीय सूचकांकों में बीएसई पर क्रमश: 0.73 फीसदी व 0.72 फीसदी की गिरावट आई।

First Published - August 11, 2023 | 10:32 PM IST

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