भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बीच शेयर बाजार और रुपये में आज तेज गिरावट देखी गई। रुपये ने इस साल की पूरी बढ़त गंवा दी। निवेशकों में घबराहट बढ़ने और सुरक्षित संपत्तियों पर दांव लगाने से डॉलर के मुकाबले रुपये में दो साल की सबसे बड़ी गिरावट आई।
डॉलर के मुकाबले रुपया 1.03 फीसदी गिरकर 85.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो फरवरी 2023 के बाद एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। 10 वर्षीय बॉन्ड की यील्ड 6 आधार अंक बढ़ गई जबकि सेंसेक्स 412 अंक की गिरावट के साथ 80,335 पर बंद हुआ। बाजार में उठापटक मापने वाला इंडिया विक्स 10 फीसदी बढ़कर 21.01 पर पहुंच गया जो 9 अप्रैल के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। सौदों के साप्ताहिक निपटान का दिन होने की वजह से भी उतार-चढ़ाव ज्यादा देखा गया।
आईएफए ग्लोबल के मुख्य कार्याधिकारी अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले करने से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ गया है जिससे रुपये में गिरावट आई।’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने दावा किया उसने कई भारतीय ड्रोनों को गिरा दिया जिससे अनिश्चितता बढ़ गई और सुरक्षित निवेश के तौर पर डॉलर की मांग बढ़ गई। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के किसी भी संकेत से बाजार सामान्य हो सकते हैं और रुपये में फिर से मजबूती आ सकती है। विदेशी निवेशक भी शेयर बाजार में दांव लगा रहे हैं।’ ताजा गिरावट के साथ ही रुपये ने इस साल और चालू वित्त वर्ष में अपनी सारी बढ़त गंवा दी। अभी तक इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.12 फीसदी और वित्त वर्ष में 0.29 फीसदी की गिरावट आई है। बुधवार तक रुपया इस साल 0.92 फीसदी मजबूत बना हुआ था।
बाजार के भागीदारों ने कहा कि पाकिस्तान के मिसाइल हमलों के प्रयास को भारत द्वारा विफल किए जाने और जवाबी कार्रवाई में लाहौर की वायु रक्षा प्रणाली को निष्प्रभावी करने के भारत के दावे के बाद निवेशकों ने घबराहट में डॉलर की खरीदारी की।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर इंडेक्स के बढ़ने से भी रुपये पर दबाव बढ़ा। डॉलर इंडेक्स 0.46 फीसदी बढ़कर 100.07 पर कारोबार कर रहा था। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दरों को 4.25 से 4.50 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने से डॉलर इंडेक्स बढ़ा है। 10 वर्षीय सरकारी बॉन्ड की यील्ड 6 आधार अंक बढ़कर 6.40 फीसदी पहुंच गई जो बुधवार को 6.34 फीसदी थी।