देसी बीमा कंपनियों ने जुलाई में अपने पोर्टफोलियो में एसबीआई, इटर्नल और वन97 कम्युनेशंस जोड़े और इन तीन फर्मों में करीब 2,000 करोड़ रुपये निवेश किया। इसी के साथ उन्होंने कोफोर्ज, मैनकाइंड फार्मा और एलऐंटी फाइनैंस से अपनी हिस्सेदारी घटाई और कुल मिलाकर 1,600 करोड़ रुपये की निकासी की।
यह जानकारी नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की रिपोर्ट से मिली, जिसमें चार अग्रणी बीमा कंपनियों एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ, कोटक महिंद्रा लाइफ और टाटा एआईजी लाइफ के पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर का विश्लेषण किया गया। महीने के दौरान कई बड़ी खरीदारी के साथ-साथ बड़ी शेयर बिक्री भी हुई।
उदाहरण के लिए, एसबीआई ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाए जबकि इन्वेस्को ने ब्लॉक डील के जरिए लोढ़ा डेवलपर्स में 1 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी। हाल में सूचीबद्ध कंपनियों ट्रैवल फ़ूड सर्विसेज और एंथम बायोसाइंसेज ने भी बीमा पोर्टफोलियो में अपनी जगह बनाई।
इसके विपरीत, बीमा कंपनियों ने टेक्नो इलेक्ट्रिक ऐंड इंजीनियरिंग कंपनी, फिनोलेक्स इंडस्ट्रीज, केनरा बैंक, वैरोक इंजीनियरिंग और क्रेडिटएक्सेस ग्रामीण से पूरी तरह निकासी कर ली।
अभी बीमा पोर्टफोलियो में अग्रणी तीन होल्डिंग्स एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक हैं। नुवामा के विश्लेषण से पता चला है कि मिडकैप सेगमेंट में बीमा कंपनियां बीएसई, कोफोर्ज और फेडरल बैंक को पसंद करती हैं जबकि स्मॉलकैप में उनका झुकाव कृष्णा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, होनासा कंज्यूमर और सिटी यूनियन बैंक की ओर है।