बीएसई का सेंसेक्स सोमवार को 70,000 के निशान के आंकड़े को छूने में सफल रहा था। भले ही यह सूचकांक इस स्तर पर टिक नहीं पाया, लेकिन भारतीय कारोबारी घरानों के बाजार मूल्यांकन के संदर्भ में टाटा समूह ने इस साल सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की है। इस साल 1 जनवरी से टाटा समूह की कंपनियों का कुल मूल्यांकन 6.1 लाख करोड़ रुपये या 28.5 प्रतिशत बढ़कर 17.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
हालांकि निर्माण एवं इंजीनियरिंग दिग्गज एलऐंडटी प्रतिशत वृद्धि के संदर्भ में शीर्ष पर है, क्योंकि कंपनी ने साल में अपने बाजार पूंजीकरण में 2.4 लाख करोड़ रुपये या 49.1 प्रतिशत का इजाफा किया है।
ब्लूमबर्ग और कैपिटालाइन के आंकड़ों के अनुसार, एलऐंडटी समूह की कंपनियां 2023 में अब तक 7.2 लाख करोड़ रुपये के साथ अपने शेयरधारकों को मोटी कमाई कराने में सफल रही हैं।
शेयर बाजार में टाटा समूह की कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय टाटा मोटर्स, टाइटन और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की तेजी से बढ़ती बिक्री को दिया जाता है और इनकी शेयर कीमतें तेजी से चढ़ी हैं। दूसरी तरफ, एलऐंडटी के साथ साथ उसकी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों एलटीआई माइंडट्री और एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स ने अपने बाजार मूल्य में अच्छी वृद्धि दर्ज की है।
जहां इस साल जनवरी से अदाणी समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.5 अरब रुपये या 28 प्रतिशत घटा है, वहीं मुकेश अंबानी समूह की कंपनियों की वैल्यू 4.5 प्रतिशत बढ़कर 18.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी भारत में सबसे अमीर बने हुए हैं, जिनके बाद अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी का स्थान है।
अदाणी समूह कंपनियों के शेयरों में पिछले एक महीनों में बड़ी तेजी आई है जिससे इनके शेयरधारकों की पूंजी में इजाफा हो रहा है।
अदाणी समूह की कंपनियों का एबिटा 47 प्रतिशत बढ़कर 43,688 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की वजह से इनका बाजार पूंजीकरण तेजी से बढ़ा है। समूह की कंपनियों के पास सितंबर के अंत में 45,895 करोड़ रुपये की नकदी थी।