वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही के रिजल्ट्स जारी हुए महज 2 कारोबारी दिन ही बीते थे और आज यानी 23 जनवरी को भारत की दिग्गज FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर (Hindustan Unilever) के शेयर आज इंट्रा-डे के दौरान BSE, NSE पर 52 सप्ताह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे निचले स्तर पर आ गए। कंपनी के शेयर 18 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट देखते हुए BSE पर 2375.95 के लेवल तक गिर गए।
कंपनी ने 19 जनवरी को अपनी तीसरी तिमाही (FY24Q3) के रिजल्ट्स जारी किए थे। उस दिन से अगर जोड़ा जाए तो इसके शेयरों में दो कारोबारी दिन के भीतर ही करीब 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी ने बेहतर परफॉर्मेंस न होने की वजह ग्रामीण मांग में कमी बताई थी।
गौरतलब है कि HUL का नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर (YoY) 1.4 फीसदी बढ़कर 2,509 करोड़ रुपये रहा था, जो बाजार की उम्मीद से काफी कम था।
चालू वित्त वर्ष में ही कंपनी की बिक्री तो बढ़ी थी, लेकिन इसकी इनकम में कमी आ गई थी। इस दौरान कंपनी ने बिक्री में 2 फीसदी का इजाफा और टोटल इनकम 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ 15,294 करोड़ रुपये ही दर्ज की थी। यह भी एनालिस्ट के अनुमानों से काफी कम रही। ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट को उम्मीद थी कि HUL की टोटल इनकम 15,642.2 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 2,572.7 करोड़ रुपये रहेगा।
डिटर्जेंट से लेकर Dove साबुन जैसे रोजमर्रा के सामान बनाने वाली कंपनी के शेयरों में पूरे दिन गिरावट जारी रही। BSE पर इसके शेयर 3.82 फीसदी की गिरावट के साथ 2,374.95 रुपये पर बंद हुए।
1. कंपनी ने 19 जनवरी को रिजल्ट्स जारी किए। इसकी परफॉर्मेंस एनालिस्ट की उम्मीदों के मुताबिक नहीं दिखी, यानी बेहतर नहीं रही। जिसकी वजह से निवेशकों ने शेयर बेचना शुरू कर दिया।
2. कंपनी का मानना है कि तीसरी तिमाही में शानदार परफॉर्मेंस न देने की मुख्य वजह ग्रामीण मांग में कमजोरी भी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ता वस्तुओं (consumer goods ) की मांग सर्दियों में देरी के कारण कमजोर रही थी।
3. 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी की परफॉर्मेंस इसलिए भी कमजोर रही क्योंकि कमोडिटी की कीमतों में नरमी देखने को मिली थी। और इसी वजह से कंपनी को कई प्रोडक्ट्स के की कीमतों में कटौती करनी पड़ी और मुनाफा कम हो गया। जिसका असर शेयर बाजार में गिरावट के साथ भी देखने को मिल रहा है।