शेयर बाजार

गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग बढ़ाई, ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘ओवरवेट’ किया

ब्रोकरेज फर्म ने निफ्टी-50 सूचकांक के लिए 2026 के अंत तक 29,000 का लक्ष्य रखा है, जो शुक्रवार के बंद भाव की तुलना में करीब 14 फीसदी की तेजी का संकेत है

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एजेंसियां   
Last Updated- November 10, 2025 | 10:37 PM IST

गोल्डमैन सैक्स ने अक्टूबर 2024 की अपनी डाउनग्रेड रेटिंग को पलटते हुए भारत पर रेटिंग ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। गोल्डमैन सैक्स ने आय में वृद्धि की रफ्तार में मजबूती तथा विकास को समर्थन देने वाली नीतिगत अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत की रेटिंग बढ़ाई है। वै​श्विक ब्रोकरेज फर्म ने निफ्टी-50 सूचकांक के लिए 2026 के अंत तक 29,000 का लक्ष्य रखा है, जो शुक्रवार के बंद भाव की तुलना में करीब 14 फीसदी की तेजी का संकेत है।

निफ्टी में इस साल अब तक लगभग 8.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अन्य उभरते बाजारों से पीछे है। हालांकि, सुनील कौल के नेतृत्त्व में विश्लेषकों ने कहा कि साल भर चलने वाला आय में गिरावट का चक्र अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सुधार का रास्ता अब साफ हो गया है।

गोल्डमैन ने भारतीय शेयर बाजार बंद होने के बाद शुक्रवार को एक नोट में वृद्धि समर्थक नीतियों के समावेश का हवाला दिया, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती, तरलता में आसानी, बैंक विनियमन, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी और राजकोषीय समेकन की धीमी गति शामिल है, जो बदलाव के लिए प्रमुख चालक हैं।

ब्रोकरेज ने कहा कि सितंबर तिमाही के नतीजों ने बड़े पैमाने पर चौंका दिया है, जिससे चुनिंदा क्षेत्रों की आय में सुधार हुआ है।

ब्रोकरेज का अनुमान है कि वित्तीय, उपभोक्ता वस्तु, टिकाऊ वस्तुए, ऑटो, रक्षा, तेल विपणन कंपनियां और इंटरनेट व दूरसंचार कंपनियां इस सुधार का नेतृत्त्व करेंगी, जबकि आय संबंधी चुनौतियों और घटते सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के बीच निर्यात-केंद्रित आईटी, फार्मा, औद्योगिक और रसायन क्षेत्रों के प्रति सतर्कता बरती जा रही है।

निफ्टी के 2024 के ऊंचे स्तर से विदेशी निवेशकों द्वारा करीब 30 अरब डॉलर और 2025 में अब तक 17.4 अरब डॉलर की बिकवाली किए जाने के बावजूद गोल्डमैन को तेजी आने के संकेत दिख रहे हैं, क्योंकि मजबूत रिटेल और एसआईपी प्रवाह के साथ घरेलू संस्थानों द्वारा 70 अरब डॉलर की रिकॉर्ड खरीदारी से मदद मिली है।

उभरते बाजारों के मुकाबले भारत का मूल्यांकन प्रीमियम अब सितंबर 2024 के स्तर की तुलना में काफी आकर्षक है। गोल्डमैन का कहना है कि भारतीय बाजार ‘रक्षात्मक’ हो गया है, भले ही वह अपने समकक्षों में सबसे महंगा बना हुआ है।

बढ़ते भू-राजनीतिक और व्यापार जोखिमों के बीच, गोल्डमैन ने घरेलू आत्मनिर्भरता, बड़े पैमाने पर खपत में सुधार, नई अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों और उचित मूल्यांकन पर उच्च विकास वाले क्षेत्रों जैसे थीमों को मजबूत रिटर्न पैदा करने की कुंजी के रूप में रेखांकित किया।

First Published : November 10, 2025 | 10:11 PM IST