आरंभिक सार्वजनिक निर्गम से पहले महंगे मूल्यांकन के कारण चर्चा में आई चश्मा रिटेलर लेंसकार्ट के शेयर ने सोमवार को उतार-चढ़ाव के साथ एक्सचेंजों पर शुरुआत की। कारोबार की समाप्ति पर उसका शेयर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। कंपनी का शेयर अपने इश्यू प्राइस 402 रुपये के मुकाबले 390 रुपये पर खुला और शुरुआती कारोबार में 12 फीसदी तक फिसल गया। बाद में यह उछलकर 413.8 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया जो निर्गम मूल्य से 3 फीसदी ज्यादा था। अंत में शेयर 403.3 रुपये पर बंद हुआ।
इस तरह उसमें आईपीओ मूल्य से 0.3 फीसदी की मामूली बढ़त रही। सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी ने पहले कारोबारी सत्र की समाप्ति 69,967 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ की।
आईपीओ ने इसके ऊंचे मूल्यांकन पर बहस छेड़ दी थी। कुछ विश्लेषकों ने इसके मूल्यांकन को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही की सालाना आय का करीब 215 गुना आंका था। मूल्य निर्धारण की कई क्षेत्रों में आलोचना हुई। कम से कम एक संस्थागत निवेशक ने सार्वजनिक रूप से अपने रुख का बचाव भी किया।
एंबिट कैपिटल ने कंपनी के बढ़े हुए मूल्यांकन मानकों का हवाला देते हुए इसकी बिकवाली की रेटिंग दी। ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि लेंसकार्ट का राजस्व वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 28 के बीच सालाना करीब 20 फीसदी बढ़ेगा, जिसे घरेलू और विदेशी बाजारों में विस्तार से मदद मिलेगी।
एंबिट का अनुमान है कि वित्त वर्ष 25-28 के दौरान पूंजीगत व्यय करीब 2,000 करोड़ रुपये होगा। इससे वित्त वर्ष 27 तक मुक्त नकदी प्रवाह नकारात्मक रह सकता है। हालांकि कंपनी ने लेंसकार्ट की मज़बूत वृद्धि संभावनाओं और मार्जिन में सुधार की संभावना की बात की पुष्टि की है। लेकिन यह भी कहा कि शेयर के मौजूदा मूल्यांकन पर लाभ की गुंजाइश सीमित है।
एसपीतुलस्यान डॉट कॉम की वरिष्ठ शोध विश्लेषक गीतांजलि केडिया ने कहा, 40 फीसदी राजस्व उच्च मार्जिन वाले अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आने के बावजूद कंपनी की बेहद कम लाभप्रदता और कारोबार विस्तार के सीमित लाभ के कारण आईपीओ महंगा लगता है।
उन्होंने कहा, उपभोक्ता कंपनियों से अक्सर निवेशक उत्साहित होते हैं, लेकिन उन्हें शेयरधारकों के चश्मे से देखा जाना चाहिए।
कुछ महीने पहले आईपीओ की कीमतें निवेशकों के अनुकूल लगती थीं; हालांकि सेकंडरी बाज़ारों में हालिया तेजी ने मूल्यांकन को लगभग ज्यादा ही कर दिया है जिससे नए निवेशकों के लिए बहुत कम अवसर बचे हैं। मूल्यांकन पर हल्ले-गुल्ले के बावजूद लेंसकार्ट के आईपीओ को मजबूत प्रतिक्रिया मिली। उसे कुल 28.3 गुना आवेदन मिले और 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संचयी बोलियां प्राप्त हुईं।