वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में कमजोर वृद्धि दर दर्ज किए जाने के बाद भी फुटवियर कंपनियों के शेयरों में पिछले दो कारोबारी सत्रों में कुछ चमक देखने को मिली। बाटा इंडिया का शेयर करीब 5 प्रतिशत चढ़ा, क्योंकि उसे स्पोर्ट्स/एथलीजर सेगमेंट में संभावित समझौते से मदद मिली है। इस घटनाक्रम को इस सेगमेंट की ऊंची वृद्धि दरों की वजह से सकारात्मक माना जा रहा है।
अनुकूल धारणा, वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद ने अन्य सूचीबद्ध फुटवियर कंपनियों के शेयरों में भी उत्साह पैदा किया है।
कैम्पस ऐक्टिववियर और खादिम इंडिया के चढ़े शेयर
कैम्पस ऐक्टिववियर और खादिम इंडिया के शेयर शुक्रवार के कारोबार में 4-4 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। भले ही ब्रोकरेज फर्मों ने अपने दीर्घावधि परिदृश्य को लेकर सकारात्मक रुख बरकरार रखा है, लेकिन उन्होंने डिस्क्रेशनरी खर्च में सुस्ती, वृद्धि में नरमी और ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंता भी जताई है, जिससे अल्पावधि में परिदृश्य प्रभावित हो सकता है।
बाटा के शेयरों में उछाल, बढ़े रेवेन्यू
जहां बाटा की शेयर कीमत प्रमुख भागीदारी की संभावना की वजह से चढ़ी है वहीं जून तिमाही में कंपनी का वित्तीय परिणाम निराशाजनक रहा। कंपनी ने बिक्री में सालाना आधार पर सिर्फ 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
निर्मल बांग रिसर्च का मानना है कि कम कीमत वाली श्रेणी (1,000 रुपये से कम) में सुधार की रफ्तार सुस्त रही है, गैर-जरूरी खर्च कमजोर बना हुआ है और सीजन के अंत में होने वाली बिक्री अनुमान से पहले हुई है। इसकी वजह से बाटा ने सालाना आधार पर सीमित राजस्व वृद्धि दर्ज की। ब्रोकरेज फर्म ने यह भी संकेत दिया है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मांग पर दबाव दर्ज किया गया था।
अपनी रिटेल मौजूदगी का विस्तार करने के अलावा, एथलीजर सेगमेंट में बाटा बढ़ती पहुंच और उसकी प्रमुख भागीदारी से बड़ा अवसर पैदा हो सकता है। हालांकि नुवामा रिसर्च ने इस शेयर पर ‘होल्ड’ रेटिंग बरकरार रखी है।
शोध फर्म के विश्लेषकों का मानना है कि जहां बाटा की पहलें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं, वहीं एक मजबूत ब्रांड के तौर पर उसकी पहचान निरंतर वृद्धि के लिए जरूरी है। भले ही ऑनलाइन और थोक बिक्री योगदान बढ़ने से वृद्धि को ताकत मिल सकती है, वहीं उन्हें वृद्धि की मजबूत रफ्तार प्रभावित होने की आशंका नहीं दिख रही है।
कैम्पस ऐक्टिववियर के रेवेन्यू में दिखी कमजोरी
कैम्पस ऐक्टिववियर भी 5 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के साथ कमजोर दिख रही है। उसे यह वृद्धि जून तिमाही के दौरान बिक्री सपाट रहने के बावजूद खासकर कीमत बढ़ोतरी की मदद से हासिल हुई है। औसत कीमतों में सुधार प्रीमियम सेगमेंट में ऊंची बिक्री के साथ साथ कच्चे माल की लागत में नरमी की वजह से दर्ज किया गया। इससे सकल मार्जिन वृद्धि को मदद मिली।
जहां मांग का रुझान पिछले साल में कमजोर रहा, वहीं कंपनी ने संकेत दिया है कि अनुकूल मॉनसून, चुनाव संबंधित खर्च और त्योहारी सीजन की मांग की वजह से वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री बढ़ सकती है। जेएम फाइनैंशियल रिसर्च का मानना है कि परिचालन मुनाफा मार्जिन में सुधार आएगा, क्योंकि उत्पादन लागत पर दबाव घटा है और दूसरी छमाही ऐतिहासिक तौर पर बिक्री और उत्पाद मिश्रण के लिहाज से बेहतर मानी जाती है।
बड़ी सूचीबद्ध फुटवियर कंपनी मेट्रो ब्रांड्स के लिए वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही काफी हद तक बाजार अनुमान के अनुरूप रहा, हालांकि मुख्य परिचालन मानक (खासकर लाइक-फॉर-लाइक वृद्धि) निराशाजनक रहे।
बढ़ी फुटवियर के प्रोडक्शन
कंपनी ने स्टोरों की संख्या में वृद्धि की मदद से बिक्री में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की। उसके 3,000 रुपये की कीमत से ऊपर के उत्पादों की भागीदारी पिछले तीन वर्षों के दौरान 34 प्रतिशत से बढ़कर 49 प्रतिशत तक पहुंच गई। इसके विपरीत 500 रुपये से 1,000 रुपये के बीच कीमत वाले उत्पादों की भागीदारी समान अवधि के दौरान करीब आधी घटकर 8 प्रतिशत रह गई।
भले ही कंपनी का सकल मार्जिन 59.1 प्रतिशत पर मजबूत रहा है, लेकिन एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले यह 84 आधार अंक तक घटा है। वहीं परिचालन मुनाफा मार्जिन ऊंची कर्मचारी और अन्य लागत की वजह से 417 आधार अंक तक घट गया।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि सेम-स्टोर सेल्स वृद्धि पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान कमजोर मांग की वजह से जून तिमाही के लिए नकारात्मक रह सकती है। हालांकि ब्रोकरेज ने कंपनी के दीर्घावधि परिदृश्य पर सकारात्मक नजरिया बरकरार रखा है।
रिलैक्सो फुटवियर ने बिक्री 11 प्रतिशत बढ़ी
रिलैक्सो फुटवियर ने जून तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया। कंपनी की बिक्री में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। सेंट्रम ब्रोकिंग के विश्लेषकों ने इस कंपनी पर सकारात्मक नजरिया अपनाया है।