चुनाव नतीजे आने के बाद मंगलवार को विकल्प अनुबंधों (option contracts) की कीमतों में भारी हलचल रही। कारोबारियों के लिए लोक सभा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित रहे। कारोबार सत्र के दौरान कई अनुबंध की कीमतों में 10 गुना तक उतार-चढ़ाव हुआ। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की कमजोर जीत की वजह से नई सरकार के गठन को लेकर कारोबारियों में चिंता बढ़ गई।
उदाहरण के लिए 21,800 स्ट्राइक कीमत वाला निफ्टी का पुट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट 98 रुपये के निचले स्तर और 996 रुपये के ऊंचे स्तर तक पहुंचा और कारोबार के अंत में 515 रुपये पर बंद हुआ। इसी तरह, 22,500 स्ट्राइक कीमत वाला निफ्टी कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट करीब 90 फीसदी टूट गया।
मंगलवार को कारोबार के दौरान अंतर्निहित सूचकांक निफ्टी50 में करीब 2,000 अंकों या 9 फीसदी की भारी गिरावट के बाद वायदा एवं विकल्प बाजार में भी भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। कारोबार के अंत में निफ्टी करीब 1380 अंक या 5.93 फीसदी टूटकर 21,884.5 पर बंद हुआ। हालांकि यह 21,281 अंक के निचले स्तर तक चला गया था।
विकल्प अनुबंध की कीमतों में अंतर्निहित सूचकांक की तुलना में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिलती है। उतार-चढ़ाव की प्रकृति और निवेश रकम की कम जरूरत की वजह से विकल्प बाजार बड़ी संख्या में कारोबारियों को आकर्षित करता है और यह फिलहाल सबसे ज्यादा मात्रा का सृजन करने वाला है।
एक्जिट पोल के असर से एक दिन पहले ही निफ्टी ने ऊंचाई का नया रिकॉर्ड कायम किया था। लगभग सभी टीवी चैनलों पर जारी एक्जिट पोल में यह अनुमान पेश किया गया कि राजग गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत हासिल होगा।
IIFL के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, ‘ बाजारों को ऐसा लगता था कि सत्तारूढ़ गठबंधन को आसानी से जीत मिल जाएगी। एक्जिट पोल ने ट्रेडर्स को और निश्चिंत कर दिया, जबकि 2014 और 2019 में जब चुनाव नतीजे काफी निश्चित थे, तब भी ट्रेडर्स ने अपने पोर्टफोलियो को हेज कर लिया था। इस बार चुनाव के दौरान उन्होंने किसी तरह की हेजिंग नहीं की या बचाव के लिए कोई खरीदारी नहीं की। जब बाजार खुला तो यह दिखा कि इस बार नतीजे स्पष्ट नहीं हैं। इसकी वजह से शेयरों की कीमतें धराशायी हो गईं। अभी भी चुनाव के अंतिम नतीजे को लेकर अस्पष्टता है। इसकी वजह से अगले दिनों में भी उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।’