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डिजिटलीकरण से बढ़ेंगे सभी के लिए समान अवसर, SEBI चेयरपर्सन ने ‘द राइजिंग भारत समिट, 2024’ में दिया बयान

सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि बाजार नियामक म्युचुअल फंड कंपनियों को 100 रुपये के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (सिप) से भी फायदा देना चाहता है।

Last Updated- March 20, 2024 | 11:07 PM IST
Madhabi Puri Butch

शेयर बाजार में भागीदारी के लिए सबको समान अवसर देना जरूरी है। बुच ने कहा कि इसके लिए बाजार में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना होगा और छोटे निवेशकों के लिए निवेश करना तथा निकालना और भी सुगम बनाना होगा।

‘द राइजिंग भारत समिट, 2024’ में बुच ने कहा कि किसी उद्योग, उत्पाद एवं सेवा श्रेणी में कई लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी को बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। मगर सवाल यह है कि ऐसे लोगों को बाजार में उतरने के बराबर मौके मिल रहे हैं या नहीं और अपनी मर्जी से बाहर निकलने की सहूलियत भी उनके पास है या नहीं।

बुच ने कहा, ‘बाजार में उतरने के लिए हौसला देने भर से ही बात नहीं बनेगी। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि निवेशक जब तक बाजार में रहे, उसे हर तरह की सुविधा मिले। साथ ही जब वह चाहे, बाजार से बाहर निकल जाए।’

सेबी प्रमुख ने कहा कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) में काफी संभावना हैं। उन्होंने कहा कि रीट्स में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए खुलासे और अनुपालन के ऊंचे पैमाने पक्के करने होंगे।

बुच ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में मजबूती का फायदा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए सेबी ने लघु एवं मझोले रीट्स की व्यवस्था दी है। उन्होंने कहा, ‘हमारा मोटा अनुमान यह है कि अगले 10 से 15 वर्षों में रीट, इनविट और म्युनि बॉन्ड मार्केट भी बढ़कर तकरीबन शेयर बाजार जितना ही हो जाएगा।’

बुच ने बताया कि एमएफ सेंट्रल के कारण म्युचुअल फंड में निवेश करना कितना सहज एवं झंझट मुक्त कर दिया है। एमएफ सेंट्रल एकीकृत प्लेटफॉर्म है, जहां म्युचुअल फंड से जुड़ी सभी जरूरतें पूरी हो जाती है।

बुच ने कहा, ‘सभी लोग एक ही व्यवस्था से खरीदारी करते हैं मगर मकसद यहीं तक सीमित नहीं है। इसका व्यापक मकसद और फायदा यह है कि जब तक म्युचुल फंडों में निवेश रहता है तब तक एकल व्यवस्था की सुविधा दी जाती है। यह अपने आप में अनोखा इंतजाम है क्योंकि पूरा म्युचुअल फंड उद्योग साथ आया और यह सुविधा दी। इस प्लेटफॉर्म पर होड़ के लिए कोई जगह नहीं है। यहां मिलजुल काम करने की जगह है। इससे सभी निवेशकों को वास्तव में समान अवसर मिलता है और वे अपनी मर्जी से बाजार में दांव लगा सकते हैं।’

बुच ने कहा कि सेबी बिना रुके यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ है कि वित्तीय योजनाएं सभी को उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि बाजार नियामक म्युचुअल फंड कंपनियों को 100 रुपये के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (सिप) से भी फायदा देना चाहता है।

उन्होंने कहा, ‘नियामक के तौर पर हम यह अच्छी तरह समझते हैं कि जब तक योजना में मुनाफा नहीं होगा तब तक उसे बाजार में उतारा नहीं जा सकता। इसे देखते हुए लागत का अंदाजा लगाने के लिए हम म्युचुअल फंड उद्योग के साथ चर्चा कर रहे हैं। नियम-शर्तों से जुड़े पहलुओं पर भी विचार हो रहा है जिनसे यह योजना फायदेमंद नहीं रह जाएगी।’

First Published - March 20, 2024 | 11:07 PM IST

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