Defence Stock to buy: एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro Systems) के शेयर मंगलवार (27 मई) को बाजार में कमजोर रुख के बावजूद 15 फीसदी तक उछल गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी डिविडेंड की घोषणा के चलते आई है। अपोलो माइक्रो ने मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड देने का भी संकेत दिया था। इसके बाद से शेयर में लगातार खरीदारी देखने को मिल रही है। बीएसई सेंसेक्स में गिरावट के बावजूद अपोलो माइक्रो के शेयर बीएसई पर 15 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 159.80 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए।
शेयर में जारी तेजी के बीच अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (APOLLO) पर ब्रोकरेज फर्म चॉइस ब्रोकिंग ने खरीदारी की सलाह को बनाए रखा है। ब्रोकरेज का कहना है कि अगर चलकर शेयर 45 फीसदी का रिटर्न दे सकता है।
ब्रोकरेज फर्म चॉइस ब्रोकिंग ने अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro Systems) पर अपनी रेटिंग को ‘BUY’ पर ही बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया है। पहले यह 156 रुपये था। इस तरह, स्टॉक 45% का अपसाइड दे सकता है। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयर सोमवार को 139 रुपये पर बंद हुए।
स्टॉक के प्रदर्शन पर नजर डाले तो यह एक हफ्ते में करीब 15 प्रतिशत चढ़ गया है। एक महीने में शेयर में करीब 40% की तेजी आई है। तीन महीने में शेयर 34.16% और छह महीने में 62.26% दौड़ा है। एक साल में स्टॉक ने 38.73%, दो साल में 340.94% और पांच साल में 1800% का तगड़ा रिटर्न दिया है। बीएसई पर कंपनी का मार्केट कैप 4,715.34 करोड़ रुपये है।
1. ब्रोकरेज का कहना है कि आईडीएल एक्सप्लोसिव्स को खरीदने के साथ अपोलो माइक्रो सिस्टम्स रणनीतिक रूप से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में भारी संभावनाओं को भुनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यह कदम कंपनी को एक सीमित दायरे वाली डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी से एक टियर-1 डिफेंस OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) बनने की ओर लेकर जाएगा।
2. चॉइस ब्रोकिंग ने कहा कि कंपनी को भारत के उच्च बाधाओं वाले विस्फोटक और गोला-बारूद बाजार में प्रवेश मिल रहा है। अगले 5 वर्षों में इसका कुल संभावित बाजार (TAM) 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
3. ब्रोकरेज के अनुसार, कंपनी की वर्तमान ऑर्डर बुक 615 करोड़ रुपये है। यह FY25 की अनुमानित आय का लगभग 1.1 गुना है। इसके मार्च 2026 तक FY25 के राजस्व के 3.3 गुना तक पहुंचने की उम्मीद है। आगामी ऑर्डर पाइपलाइन में अंडरवाटर हथियार प्रणाली, स्वदेशी मिसाइल प्रोग्राम जैसे QRSAM, ASTRA और Akash-NG और टॉरपीडो व माइंस के स्केलेबल उत्पादन के प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। ये कंपनी के लिए बहुवर्षीय विकास की स्पष्ट संभावनाएं बनाती हैं।
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अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का जनवरी-मार्च तिमाही में कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 8 फीसदी बढ़कर 13.96 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, तिमाही आधार पर कंपनी का मुनाफा 23% घट गया। दिसंबर तिमाही में यह 18.23 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल रेवेन्यू इस दौरान 19 फीसदी बढ़कर 161.77 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 135.44 करोड़ रुपये था।
इस बीच, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के निदेशक मंडल की बैठक बुधवार, 28 मई 2025 को आयोजित की जाएगी। इसमें वित्त वर्ष 25 के लिए कंपनी के इक्विटी शेयरों पर अंतिम डिविडेंड की सिफारिश पर विचार किया जाएगा। यह आगामी वार्षिक आम बैठक में शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के अधीन होगा।